हमें अपने सामाजिक व धार्मिक क्रिया-कलापों को निर्धारित करना होगा

कोविड-19 को देखते हुए हमें अपने सामाजिक व धार्मिक क्रिया-कलापों को निर्धारित करता चाहिए। कोविड का बुरा असर शिक्षा जगत पर भी पड़ा है। हां यह भी सत्य है कि इस चुनौती को शिक्षा जगत डटकर मुकाबला कर रहा है। इसी का परिणाम वेबिनार है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 01:40 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 05:15 AM (IST)
हमें अपने सामाजिक व धार्मिक क्रिया-कलापों को निर्धारित करना होगा
हमें अपने सामाजिक व धार्मिक क्रिया-कलापों को निर्धारित करना होगा

जासं, जमशेदपुर : कोविड-19 को देखते हुए हमें अपने सामाजिक व धार्मिक क्रिया-कलापों को निर्धारित करता चाहिए। कोविड का बुरा असर शिक्षा जगत पर भी पड़ा है। हां, यह भी सत्य है कि इस चुनौती को शिक्षा जगत डटकर मुकाबला कर रहा है। इसी का परिणाम वेबिनार है। यह बातें कोल्हान विशविविद्यालय के कुलपति प्रो. गंगाधर पंडा ने कही। वे वर्कर्स कालेज के इतिहास विभाग की ओर से आयोजित बेविनार को संबोधित कर रहे थे। सोमवार को आयोजित वेबिनार का विषय 'वैश्वीकरण और सामाजिक चुनौतियां' था। वीमेंस कालेज की प्राचार्या डा. शुक्ला मोहंती कहा कि वैश्वीकरण हमें अवसर प्रदान कर रहा है, लेकिन इससे सामाजिक असमानता बहुत ही बढ़ रही है। रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष कमला गुप्ता ने कहा कि हमें अपनी पुरानी संस्कृति की ओर लौटना होगा और तभी हम आज के दुष्प्रभावों से समाज तथा अपने आप को बचा सकते हैं। रांची विश्वविद्यालय की ही इतिहास विभाग के डा. केके ठाकुर ने कहा कि प्राचीन काल एवं मध्ययुग में भी व्यापारिक मार्गों परखतरा था। उन्होंने वैश्वीकरण के सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों ही पक्षों की चर्चा की। प्रो. एके मंडल ने टूटते परिवारों और सामाजिक विसंगतियों के लिए वैश्वीकरण और पश्चिमी सभ्यता की अंधाधुंध नकल को जिम्मेदार ठहराया। वर्कर्स कॉलेज के प्राचार्य डा. एसपी महालिक ने अतिथियों का स्वागत कॉलेज की तरफ से किया। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण हमारी जरूरत है लेकिन मजबूरी नहीं। इस सेमिनार में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे और अपने प्रश्न अतिथियों के समक्ष रखा। इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डा. नूपुर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में डा. पुष्पा तिवारी व डा. श्वेता कुमारी उपस्थित थीं।

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