महिला कालेज को राजनीति का अड्डा न बनाया जाए : अभाविप

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री बापन घोष ने कहा कि घाटशिला के बीडीएसएल महिला कालेज में सत्तारूढ़ दल के नेताओं के हस्तक्षेप से कालेज का माहौल खराब हो रहा है। डिग्री कालेज के शिक्षकों की भुखमरी की स्थिति के लिए कोल्हान विश्वविद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार है..

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:00 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:00 AM (IST)
महिला कालेज को राजनीति का अड्डा न बनाया जाए : अभाविप
महिला कालेज को राजनीति का अड्डा न बनाया जाए : अभाविप

संस,घाटशिला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री बापन घोष ने कहा कि घाटशिला के बीडीएसएल महिला कालेज में सत्तारूढ़ दल के नेताओं के हस्तक्षेप से कालेज का माहौल खराब हो रहा है। डिग्री कालेज के शिक्षकों की भुखमरी की स्थिति के लिए कोल्हान विश्वविद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार है। घाटशिला अनुमंडल में एकमात्र महिला महाविद्यालय है, जिसमें ग्रमीण क्षेत्र की हजारों बेटियां वर्षों से पढ़ाई करती आ रही हैं। परंतु कोल्हान विवि की निरंकुशता के कारण आज महाविद्यालय पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने एक वर्ष पूर्व ही बीडीएसएल महिला महाविद्यालय के लिए अनुदान जारी कर दिया था, परंतु पिछले एक वर्ष से विवि प्रबंधन इस पर कुंडली मारकर बैठा हुआ है। इसका खामियाजा कालेज के सभी शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। पूरे जिले में अब तक एक नया महाविद्यालय नहीं खोला गया। अब इस महाविद्यालय को बंद करने की साजिश की जा रही है। शिक्षकों की राजनीति छात्रों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्र के प्रवेश परीक्षा, परिणाम व परिसर की बात कोई नहीं करता। सिर्फ कॉलेज बंद करने की बातें हो रही है। आए दिन सत्तारूढ़ दल के राजनेताओं का कॉलेज प्रांगण में जमावड़ा होता है। कॉलेज के आंतरिक मुद्दों पर राजनीतिक पार्टी के लोगों का दखलंदाजी दुर्भाग्यपूर्ण है। राजनीति को बढ़ावा दे रहा कोल्हान विश्वविद्यालय : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् पूर्वी सिंहभूम जिला के जिला संयोजक राजू महतो ने कहा कि कालेज के आंतरिक मुद्दे पर कोल्हान विश्वविद्यालय राजनीति को बढ़ावा दे रहा है। बलदेव दास संतलाल महिला डिग्री कालेज के कर्मचारियों व शिक्षकों का वेतन पिछले महीनों से लंबित है। विद्यार्थी परिषद् इस मुद्दे को कई बार विश्वविद्यालय के समक्ष रख चुका है। फिर भी अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। कालेज में पढ़ाई कम राजनीति ज्यादा हो रही है। महाविद्यालय में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों का धरना पर बैठना दुर्भाग्यपूर्ण है। महाविद्यालय को राजनीति का अड्डा न बनाया जाए। राजनीति करने वाले पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन व स्थानीय प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करे, अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् कालेज परिसर में उग्र आंदोलन करेगा।

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