अखिलेश सिंह और शूटरों ने उपेंद्र सिंह हत्याकांड में खुद को बताया निर्दोष

अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत में उपेंद्र सिंह की हत्या मामले में शुक्रवार को आरोपित अखिलेश सिंह जसवीर सिंह सोनू सिंह और विनोद सिंह का 313 के तहत बयान दर्ज किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 06:30 AM (IST)
अखिलेश सिंह और शूटरों ने उपेंद्र सिंह हत्याकांड में खुद को बताया निर्दोष
अखिलेश सिंह और शूटरों ने उपेंद्र सिंह हत्याकांड में खुद को बताया निर्दोष

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत में उपेंद्र सिंह की हत्या मामले में शुक्रवार को आरोपित अखिलेश सिंह, जसवीर सिंह, सोनू सिंह और विनोद सिंह का 313 के तहत बयान दर्ज किया गया। अखिलेश सिंह और जसवीर सिंह ने कहा कि उनका उपेंद्र सिंह की हत्या से कोई लेना-देना नहीं है। हत्या में उनलोगों का नाम जोड़ दिया गया। वहीं हत्या के दिन रंगेहाथ पकड़े गए सोनू सिंह और विनोद सिंह ने कहा कि हत्या में फंसाया गया है। सभी आरोपितों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से अदालत में पेशी हुई। बागबेड़ा निवासी सह ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की 30 नवंबर 2016 को कोर्ट के बार एसोसिएशन भवन के दूसरे तल्ले में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में विनोद सिंह और सोनू सिंह को भीड़ ने मौके पर ही पकड़ लिया था।

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जयराम सिंह हत्याकांड में विक्रम शर्मा की पेशी

बिष्टुपुर थाना क्षेत्र बागे जमशेद गोलचक्कर के पास टाटा स्टील के सुरक्षा पदाधिकारी रहे जयराम सिंह की गोली मारकर 2008 में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अखिलेश सिंह, विक्रम शर्मा समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी मामले में विक्रम शर्मा की शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह की पेशी हुई। बीते दिनों विक्रम शर्मा को झारखंड उच्च न्यायालय से उसके विरुद्ध दर्ज मामलों में इस शर्त पर जमानत मिली थी कि जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में उसके खिलाफ चल रहे मामले में अदालत में उपस्थित हो। 10 साल फरारी के बाद जिला पुलिस की टीम 11 अक्टूबर 2017 को देहरादून से विक्रम शर्मा को जमशेदपुर पुलिस गिरफ्तार कर शहर लाई थी।

आ‌र्म्स एक्ट में भी हुई गवाही

अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत में सिदगोड़ा एग्रिको वर्कर्स से हथियार बरामदगी मामले में भी अखिलेश सिंह का बयान दर्ज किया गया। उसने हथियार बरामदगी की जानकारी से इंकार किया। 9 अक्तूबर 2010 को अखिलेश सिंह की बक्सर से गिरफ्तारी हुई थी, उसकी निशानदेही पर सिदगोड़ा वर्कर्स फ्लैट में छापेमारी की गई थी जहां से पिस्तौल बरामद किया गया था।

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