Khrdbun: जो सबसे कमजोर दिखे, उसे जोर से हड़काओ, पढें पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर

Khrdbun चाहे वह मास्क चेकिंग की बात हो या हेलमेट चेकिंग की पुलिस के सिपाही किसी ऐसे ही चेहरे को तलाशते हैं जिसमें रिस्क ना हो। हालांकि कभी-कभी भी गलती हो जाती है। लेकिन ज्यादातर मामले में पकड़ा गया व्यक्ति पुलिसिया कार्रवाई का विरोध नहीं कर पाता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 03:50 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 03:50 PM (IST)
Khrdbun: जो सबसे कमजोर दिखे, उसे जोर से हड़काओ, पढें पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर
सडक पर जांच के लिए मुस्तैद पुलिस। फाइल फोटो।

जमशेदपुर, अन्वेष अम्बष्ठ। अभी एक वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें एक सिपाही दुबले-पतले लड़के को यह कहते हुए पीटता है कि मास्क कहां है...। वीडियो में दिखता है कि पुलिस का यह रौब देखकर आसपास से गुजर रहे लोग खुद ब खुद मास्क पहनने लगते हैं। ठीक ऐसा ही वाकया शहर में भी देखने को मिलता है। चाहे वह मास्क चेकिंग की बात हो या हेलमेट चेकिंग की, पुलिस के सिपाही किसी ऐसे ही चेहरे को तलाशते हैं, जिसमें रिस्क ना हो।

हालांकि, कभी-कभी भी गलती हो जाती है, लेकिन ज्यादातर मामले में पकड़ा गया व्यक्ति इतना दीन-हीन और बेचारा होता है कि वह पुलिसिया कार्रवाई का विरोध नहीं कर पाता है। इस मामले में यहां के सिपाहियों की नजर बहुत पारखी है। शाम को निकलते तो खोजकर किसी बुजुर्ग दुकानदार को जोर से डांटते हैं, ताकि अगल-बगल वाले समय से आधा घंटा पहले दुकान बंद कर दें।

एक आंख में सूरमा, बाकी आंखों में कालिख क्यों

कदमा के अंकुर पैथोलाजी में कोरोना जांच के नाम पर गोरखधंधा संचालित करने पर 27 अप्रैल को दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छापेमारी की। जांच किट, जांच रसीद, रजिस्टर और दस्तावेज जब्त किए गए। पैथलैब सील कर दिया गया। इसके मालिक सह संचालक डॉ राजेश मोहंती, राजीव नायक, नुपुर डे, सुचिता लकड़ा, अनुपमा लकड़ा, प्रकाश और प्रशांत कुमार पर कदमा थाना में दंडाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई। सभी को कदमा थाना की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 28 अप्रैल की सुबह पैथोलाजी संचालक का मधुमेह बढ़ गया। उसे टीएमएच में दाखिल कराया गया। बाकी सभी को पुलिस न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले एमजीएम अस्पताल मेडिकल जांच कराने को लेकर आई। सब ने कहा हम बीमार हैं। इलाज की जरूरत है। अस्पताल में दाखिल कराया जाए, लेकिन पुलिस ने सभी को अदालत में पेश किया।

साहबों के सामने जवान कुछ अधिक ही दिखाते फुर्ती

साहबों का अगर इशारा मिल जाएं तो साथ रहने वाले जवान कुछ भी कर जाएं। इनमें गजब की फुर्ती आ जाती है। विशेष कर डंडा चलाने में। कुछ दिनों से चौक-चौराहे पर ये कुछ ज्यादा ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं कोरोना संक्रमण को लेकर देर रात वरीय पुलिस अधिकारियों के औचक निरीक्षण पर शहर मेंं निकलने की। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी बेवजह रात में घूमने वालों को रोककर टोका-टोकी करते हैं। पूछताछ करते हैं। लोगों की भीड़ लग जाती है। वहां साहबों के जवानों की गतिविधि देखने लायक होती है। साहब से अधिक इनके जवान बीच-बीच में टपक जाते हैं। अपने अंदाज में बोलना शुरू कर देते हैं। कहां से आ रहे हो। समझता नहीं है। घर में रहना है। नहीं निकलना है। डंडा देख रहा नूं। इतना कहते ही डंडा चलाना शुरू कर देते हैं।

जब गिरफ्तारी नहीं हुई तो कैसे भेज दिया न्यायिक हिरासत में

कई मामलों में वांछित कृष्णा राव समेत दो को सीतारामडेरा थाना की पुलिस ने 12 अप्रैल को भालूबासा के एक फ्लैट से हिरासत में लिया। छह दिन तक थाना की पुलिस इससे इंकार करती रही। 18 अप्रैल को एसएसपी ने पूछे जाने पर बताया कि कृष्णा राव की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दूसरे दिन 10 साल पुरानी रंगदारी के मामले में उसे गिरफ्तार बता न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मीडिया को इसकी जानकारी नहीं दी गई। तस्वीर भी उपलब्ध नहीं कराई गई। सवाल उठना लाजिमी था, जब उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो अचानक उसे न्यायिक हिरासत में कैसे भेज दिया गया। किसी अधिकारी ने कुछ नहीं कहा। कृष्णा राव पर आर्म्स एक्ट, रंगदारी, फायरिंग, हत्या, हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। 2005 से फरार था। गिरफ्तारी का लाल वारंट जारी था। कदमा थाना में भी मामला दर्ज है।

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