ग्रामीणों का चिढ़ा रहा मुसाबनी का यह जलमीनार
धोबनी पंचायत के सोसोगोड़ा में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल जमशेदपुर द्वारा सौर ऊर्जा संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत जलमीनार का निर्माण किया गया है। जलमीनार बनकर एक वर्ष बीतने को हैलेकिन गांव के ग्रामीणों को इस जलमीनार से एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ है।
मुसाबनी: धोबनी पंचायत के सोसोगोड़ा में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल जमशेदपुर द्वारा सौर ऊर्जा संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत जलमीनार का निर्माण किया गया है। जलमीनार बनकर एक वर्ष बीतने को है,लेकिन गांव के ग्रामीणों को इस जलमीनार से एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ है।
सौर ऊर्जा संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजना जलमीनार की क्षमता 4000 लीटर का है। इसका निर्माण पर 4 लाख 28 हजार रुपये की राशि खर्च हुआ है। सोसोगोड़ा के ग्राम प्रधान बिजय हेम्ब्रम और ग्रामीण गुलशन कर्मकार ने बताया कि सौर ऊर्जा से संचालित जलमीनार का निर्माण जब शुरू हुआ तो ग्रामीण काफी खुश थे कि वर्षों से पेयजल समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा।
आसानी से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध होगा, लेकिन इसके निर्माण पूरा होने के एक वर्ष बाद भी इस जलमीनार से ग्रामीणों को एक बूंद पानी नहीं मिला। अब यह जलमीनार गांव की शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। ग्रामीणों ने बताया कि जलमीनार में जो पम्प लगाया गया वह चालू ही नहीं हुआ। फिर संवेदक ने दूसरा पम्प लगाया वह भी चालू नहीं हो सका। इस तरह सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है।
जलमीनार चालू नहीं होने से चापाकल के भरोसे ही अब ग्रामीण हैं। जलमीनार को चालू कराने के लिए ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि से मिलकर गुहार लगाई, लाख मिन्नतें की, लेकिन आज तक कोई सफलता नहीं मिली। अब ग्रामीण पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार से शिकायत करने की मन बना रहे हैं।