रेल लाइन किनारे बसे झोपड़ीनुमा घरों में घुसा पानी, भोजन पानी पर संकट

पिछले दो दिनों से हो रहीं बारिश के कारण मऊभंडार रेल लाइन किनारे झोपड़ीनुमा घरों में बसे लोगों के घरों में पानी घुस गया है। बरसात के कारण अपने घरों को छोड़ यहां रह रहे कई लोग दूसरे स्थानों में शरण लेने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 06:00 AM (IST)
रेल लाइन किनारे बसे झोपड़ीनुमा घरों में घुसा पानी, भोजन पानी पर संकट
रेल लाइन किनारे बसे झोपड़ीनुमा घरों में घुसा पानी, भोजन पानी पर संकट

संस, घाटशिला : पिछले दो दिनों से हो रहीं बारिश के कारण मऊभंडार रेल लाइन किनारे झोपड़ीनुमा घरों में बसे लोगों के घरों में पानी घुस गया है। बरसात के कारण अपने घरों को छोड़ यहां रह रहे कई लोग दूसरे स्थानों में शरण लेने को मजबूर हैं। घर के अंदर पानी भर गया। घरों में रखे सामान पानी में भींग गए। यहां तक कि घर में रखे चावल, आंटा व अन्य खाद्य सामग्री भी भींग गए। खाद्य सामग्री भींग जाने के कारण इन्हें भोजन तक का संकट सताने लगा। कई परिवार के लोग सुबह से ही बगैर कुछ खाए रह रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि घर में चूल्हे तक नहीं जला सकते है। बरसात में उत्पन्न इन समस्याओं के बीच बस्ती में नारकीय जिदगी जी रहे इन परिवार के लोगों की अब तक प्रशासन व जनप्रतिनिधि किसी ने सुधि नहीं ली है। अब ये मदद की आस में है। छोटे-छोटे बच्चों को सही तरीके से भोजन नहीं मिल पा रहा है। बस्ती की सवेरा खातून, गुनज बेगम, पिकी बीबी, शहनाज बीबी, हसीना बेगम, गुलशन खातून, अलीमुद्दीन, कुरैशा खातून, सवाना परवीन, जुमनी बीबी समेत अन्य ने बताया कि बरसात के कारण बस्ती के घरों में पानी घुस गया है। घरों के अंदर पानी घुस जाने से कई परिवार के लोग छोटे छोटे बच्चों को लेकर दूसरे जगहों पर रह रहे हैं। घर में रखे अनाज भींग गए हैं। अब भोजन पर भी संकट है। बताया कि उनके पास रहने को घर नहीं हैं। सरकार ने उन्हें घर नहीं दिया। सरकार उन्हें घर बनाने के लिए जमीन दे। जनप्रतिनिधियों ने उन्हें सिर्फ वोट के समय ही याद किया। वोट के समय ही ये लोग बस्ती में आते हैं। उसके बाद किसी को उनकी याद नहीं आती है। वे किस हाल में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं, कभी यह भी देखें। जनप्रतिनिधि उनके लिए भी कुछ करें। झोपड़ीनुमा घर में तिरपाल के सहारे रह रहे लोग : मऊभंडार ग्वाला बस्ती के समीप झोपड़ीनुमा घरों में लोग सिर्फ तिरपाल के सहारे रह रहे हैं। रेलवे के थर्ड लाइन निर्माण के दौरान इन्हें हटाया गया था। ये भी शांतिपूर्वक जमीन छोड़ कर दूसरी जगह झोपड़ी बनाकर रह रह हैं। इनके पास घर बनाने तक के पैसे नहीं हैं। बांस व कपड़ा घेर कर ये लोग किसी तरह रह रहे हैं। बरसात में घर के अंदर चारों तरफ से पानी घुस रहा है। महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर किसी तरह तिरपाल के सहारे झोपड़ीनुमा घर में रह रही हैं। इनके पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि अपने कच्चे घर को टीन व शेड से घेर सकें। वर्षों से रह रहे, नहीं मिला भूमि पट्टा : मऊभंडार में रेल लाइन के किनारे ये लोग वर्षों से बसे हैं। फिर भी इन्हें अब तक भूमि पट्टा नहीं मिला। प्रशासन से कई बार भूमि देने की मांग की गई, परंतु इन्हें घर के लिए जमीन नहीं मिली। यहां रह रहे लोग पेशे से रिक्शा व ठेला चालक हैं। घर की महिलाएं दूसरे के घरों में बर्तन धोकर परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। बीडीओ, सीओ व थाना प्रभारी को अलर्ट रहने का निर्देश : अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक ने अनुमंडल क्षेत्र में हो रही बारिश को देख अनुमंडल के सभी बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी व चिकित्सा पदाधिकारी को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। एसडीओ ने कहा है कि अत्यधिक वर्षा होने से स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ सकता है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से नदी के किनारे बसे लोगों को अलर्ट करें। साथ ही अत्यधिक वर्षा से हुई क्षति का आकलन कर प्रभावित व्यक्ति व परिवारों को तत्काल आवश्यकतानुसार सहायता पहुंचाएं। स्वर्णरेखा नदी में मछुआरों व ग्रामीणों को न जाने दें। नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर तटीय क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को शिविर या सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं।

chat bot
आपका साथी