आज पूजे जाएंगे विश्वकर्मा, हर धर्म के लोग होंगे शामिल
लौहनगरी जमशेदपुर में सभी धर्म व प्रांत के लोग रहते हैं। यही वजह है कि यहां देशभर के विभिन्न राज्यों में मनाए जाने वाले पर्व-त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं जिसका आनंद सभी लोग उठाते हैं।
जासं, जमशेदपुर : लौहनगरी जमशेदपुर में सभी धर्म व प्रांत के लोग रहते हैं। यही वजह है कि यहां देशभर के विभिन्न राज्यों में मनाए जाने वाले पर्व-त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं, जिसका आनंद सभी लोग उठाते हैं। खास यह है कि जो पर्व व पूजा होते हैं, उसे संबंधित धर्म-संप्रदाय के लोग ही मनाते हैं। सिर्फ विश्वकर्मा पूजा में सारे धर्मों के भेद मिट जाते हैं।
विश्वकर्मा पूजा में हिदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के अलावा अन्य धर्म-जाति के लोग बिना किसी भेदभाव के बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं। कुल मिलाकर जमशेदपुर में विश्वकर्मा को सभी अपना मानते हैं। हिदू देवता के रूप में पूजा करते हैं, जबकि अन्य धर्मावलंबी इन्हें शिल्प गुरु मानकर नमन करते हैं।
जमशेदपुर बस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राम उदय प्रसाद सिंह बताते हैं कि मानगो बस स्टैंड में विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। कोरोना की वजह से इस बार छोटी मूर्ति रखकर ही पूजा की जाएगी। यहां के आयोजन में हिदू-मुस्लिम सभी उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं। इस बार भी हो रहे हैं। बस के ज्यादातर स्टाफ मुस्लिम समुदाय से आते हैं, लेकिन विश्वकर्मा पूजा में उनका उत्साह देखने लायक होता है। बस स्टैंड के पास टेंपो स्टैंड में तो मुस्लिम समुदाय के ही ज्यादा लोग हैं। वही चंदा एकत्र करने से लेकर पूजा के आयोजन तक में सक्रिय हैं। शिक्षित बेरोजगार मिनी बस एसोसिएशन के संजय कुमार पांडेय ने बताया कि उनके यहां भी सभी धर्म के लोग विश्वकर्मा पूजा में शामिल रहते हैं, जो इस बार भी देखने को मिलेगा। कोरोना की वजह से यहां भी चार फुट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। बस स्टैंड के पास टेंपो स्टैंड में भी छोटी प्रतिमा लगाई जा रही है। दरअसल, सभी लोग इन्हें शिल्पों के आदर्श पुरुष के रूप में भी देखते हैं, इसलिए विश्वकर्मा पूजा में सारे धर्मों के भेद मिट जाते हैं।
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सड़क किनारे बिक रहे फूल, माला व झालर
विश्वकर्मा पूजा को लेकर शहर के साकची, मानगो, कदमा, सोनारी, गोलमुरी आदि इलाकों में फूल-माला व पूजन सामग्री के अलावा प्रतिमा की दुकानें सज गई हैं, जबकि सड़क किनारे प्लास्टिक के झालर व माला की भी खूब दुकानें सजी हैं। आदित्यपुर में इमली चौक से लेकर एस टाइप चौक तक सड़क के अगल-बगल झालर, माला व रेडीमेड तोरणद्वार बिक रहे हैं, जिसे लोग पंडाल, गैरेज से लेकर कंपनी में भी सजाने के लिए खरीद रहे हैं। सजावट के लिए विश्वकर्मा पूजा में इनकी हर साल बिक्री होती है, लेकिन गत वर्ष कोरोना की वजह से इनकी दुकानें नहीं लगी थीं। इस बार कोरोना का संक्रमण कम होने और टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने से लोगों में ज्यादा उत्साह है। प्रशासनिक प्रतिबंध के बावजूद लोग उल्लासपूर्वक विश्वकर्मा पूजा मनाने की तैयारी कर रहे हैं।