आदित्यपुर में 90 कंप‍नियों का शिलान्यास, एक हजार करोड़ रुपये होगा निेवेश

मेक इन इंडिया के तहत स्थानीय कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए आदित्यपुर में दो दिवसीय उद्योग विकास मेला यानी वेंडर डेवलपमेंट मीट का आगाज हुआ।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 01:04 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 05:02 PM (IST)
आदित्यपुर में 90 कंप‍नियों का शिलान्यास, एक हजार करोड़ रुपये होगा निेवेश
आदित्यपुर में 90 कंप‍नियों का शिलान्यास, एक हजार करोड़ रुपये होगा निेवेश

जमशेदपुर,जेएनएन। मेक इन इंडिया के तहत स्थानीय कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर में दो दिवसीय उद्योग विकास मेला यानी वेंडर डेवलपमेंट मीट का आगाज बुधवार को हुआ। केंद्र सरकार के रेलवे एवं डिफेंस मंत्रालय, झारखंड सरकार और आदित्यपुर ऑटो कलस्टर द्वारा आयोजित मीट का उदघाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास,रेल राज्यमंत्री राजेन होगेन, घाटशिला के विधायक लक्ष्मण टुडू, ईचागढ़ के विधायक साधु महतो व अन्य ने किया। इस मौके पर 90 कंपनियों का शिलान्यास हुआ। एक हजार करोड़ रुपये के निवेश से कंपनियों में दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 20 हजार लोगों को परोक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया के तहत भारत के बजाय विश्व को बाजार बनाया। झारखंड सरकार ने रेलवे और डिफेंस के बीच सेतु बनने का काम किया। उन्होंने कहा कि 14 वर्षो के अतीत की धूल झड़ चुकी है, अब हम आगे बढने की ओर है। स्थिर सरकार के कारण यह संभव हुआ। दास ने कहा कि टाटा से हमे औद्योगिक विरासत मिली है। छोटे उद्यमी अपना गुणवत्ता युक्त माल को विदेश में बेचने की सोचे। उन्होंने कहा कि फरवरी 2017 से अब तक मोमेंटम झारखंड के तहत 490 कंपनियों का शिलान्यास हुआ है और प्रत्यक्ष रूप से 67 हजार जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 2.25 लाख को रोजगार मिला।

उद्यमियों को रेलवे देगी हर सुविधा: रेल राज्यमंत्री

मीट का मकसद स्थानीय कंपनियों को रेलवे व डिफेंस सेक्टर से वर्क आर्डर मिलने का मार्ग प्रशस्त करना और नई कंपनियों की स्थापना का धरातल तैयार करना है। अपने संबोधन में रेल राज्यमंत्री राजेश गोहेन ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संसाधन से परिपूर्ण है। इस संसाधन का समुचित विकास होता तो राज्य का और विकास होता। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रतिवर्ष 8.6 बिलियन पैसेंजर को यात्रा कराता है जबकि 1.6 बिलियन बैगन ढोता है। गोहेन ने कहा कि मीट से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय कंपनियां लाभान्वित होंगी। मंत्री ने कहा कि MSME को बढ़ावा देने के लिए केंद सरकार ने नई पॉलिसी बनाई है।

इज ऑफ डूईंग बिजनेस से राह हुई आसान

कहा कि इज ऑफ डूईंग बिजनेस से राह आसान हुई है। झारखंड सरकार ने भी सिंगल विंडो बनाया है। रेलवे की ओर से हम उधमियों को हर सुविधा देने को तैयार है। रेलवे को बड़ी मात्रा में स्पेयर पार्ट्स की जरूरत है। कुछ इंजीनियर खुद बनाते हैं तो कुछ बाहर से खरीदा जाता है। स्थानीय उद्यमी क़्वालिटी उत्पाद बनाएं। तकनीक पर जोर दें। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच छोटे और लघु उद्योग को बढ़ावा नहीं देने से आर्थिक विकास में तेजी नही आएगी। रेलवे और डिफेन्स को स्थानीय उधमियों की जरूरत है। 25 फीसद माल स्थानीय कंपिनयों से खरीदना है।

90 कंप‍नियों की रखी गई आधारशिला

मीट के उदघाटन के बाद 90 कंपनियों की आधारशिला रखी गई। आदित्यपुर इंडस्टियल एरिया में लगभग 12 सौ कंपनियां हैं। इनमें से पांच कंपनियां डिफेंस को जबकि लगभग 10 कंपनियां रेलवे को माल सप्लाई करती है। जबकि अधिकतर कंपनियां टाटा मोटर्स पर निर्भर है। झारखंड में पहली बार रेलवे और डिफेंस की 20 कंपनियां पहुंची। इस डेवलपमेंट मीट के तहत रेलवे व डिफेंस को किस तरह के माल व गुणवत्ता वाले माल की जरूरत है, इसका पूरा प्लान, ड्राइंग और सैंपल लेकर सरकारी कंपनियां आदित्यपुर पहुंची हैं। इस डेवलपमेंट मीट से आयडा संचालित उद्योगों को प्रतिवर्ष 12 सौ करोड़ रुपये तक का काम मिलने की उम्मीद है। 

रेलवे व डिफेंस की ये कंपनियां शामिल

ऑडिनेंस इक्विपमेंट इफैक्ट्री बोर्ड कोलकाता, गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टेबलिशमेंट, मिश्र धातु निमग, मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स, भारत डायनामिक्स लिमिटेड, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसीन एंड एलॉयड साइंस, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, गार्डनरिच सिप बिल्डर्स एंड इंजीनियरिंग, हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड, हैवी व्हीकल फैक्ट्री, जबलपुर हैवी व्हीकल फैक्ट्री, साउथ ईस्टर्न रेलवे, ईस्टर्न रेलवे कपूरथला, इंट्रीगल कोच फैक्ट्री चेन्नई, इंडिया टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक्स सर्विस (राइटस), रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरएसडीओ), लखनऊ ईस्टर्न रेलवे जमालपुर के अलावे झारखंड से टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन रांची।

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