मौसम ठंड होने के बावजूद हरी सब्जी का बाजार गरम

ठंड के मौसम में सब्जी की बहार रहती है। एक से बढ़कर एक पौष्टिक व हरी सब्जी कम कीमत में मिलती है। लेकिन इस बार फिलहाल यह सबकुछ ख्वाब लग रहा है। अभी तो सब्जी बाजार में आग लगी हुई है जबकि मौसम में ठंडक है। आजकल सब्जी बाजार में घुसते ही पसीने छूट रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:00 AM (IST)
मौसम ठंड होने के बावजूद हरी सब्जी का बाजार गरम
मौसम ठंड होने के बावजूद हरी सब्जी का बाजार गरम

जासं, जमशेदपुर : ठंड के मौसम में सब्जी की बहार रहती है। एक से बढ़कर एक पौष्टिक व हरी सब्जी कम कीमत में मिलती है। लेकिन इस बार फिलहाल यह सबकुछ ख्वाब लग रहा है। अभी तो सब्जी बाजार में 'आग' लगी हुई है, जबकि मौसम में ठंडक है। आजकल सब्जी बाजार में घुसते ही पसीने छूट रहे हैं। भाव सुनकर खरीदने की हिम्मत जुटाना मुश्किल हो रहा है।

अभी आलू छोड़कर कोई भी हरी सब्जी 40-50 रुपये किलो से कम नहीं है। बरबट्टी और सेम तक के दाम सुनकर लोग चौंक जा रहे हैं। आम दिनों में 20 रुपये किलो बिकने वाली बरबट्टी 60, सेम 120 रुपये और चाइनीज फूड के शौकीन 160 से 200 रुपये किलो तक शिमला मिर्च खरीद रहे हैं।

साकची स्थित टिन शेड मार्केट के सब्जी विक्रेता बताते हैं कि लोकल सब्जी बाजार में नहीं आ रही है। टमाटर भी बेंगलुरु से आ रहा है, इसलिए 50 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है। नेनुआ भी पटल के बराबर 60 रुपये है, जबकि भिडी 80 रुपये हो गया है।

साकची बाजार के ही व्यवसायी राजेश बताते हैं कि अभी मूली 30 रुपये किलो है, तो धनिया पत्त्ती 50 रुपये किलो बिक रही है। वह बताते हैं कि पटमदा-बोड़ाम, घाटशिला इलाके से सब्जी नहीं आ रही है। कम से कम अभी 15 दिन लगेंगे, तब जाकर सब्जी के भाव जमीन पर आएंगे। बाजार में अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानदारों ने बताया कि कई दुकानदार तो सब्जी की दुकान भी नहीं लगा रहे हैं। सब्जी महंगी होने की वजह से खरीदार भी बहुत कम आ रहे हैं। अभी लगन भी नहीं है। जब 14 नवंबर के बाद लगन शुरू होगा तो सब्जी की पैदावार भी बढ़ जाएगी, तब तक इसी तरह बाजार चलता रहेगा।

---------------- हाल की बारिश ने खेत में उगी सब्जी की फसल को चौपट कर दिया है। अभी सिर्फ लतर वाली सब्जी लौकी, नेनुआ, बोदी या बरबटी और कुछ साग ही बचा है, वह भी सीमित मात्रा में। इसी कारण सब्जियों के दाम काफी ऊंचे हैं। गोभी और टमाटर का बीज अतिवृष्टि के कारण खेत में ही नष्ट हो गया, जिससे फसल नहीं हुई। दो दिन से बारिश नहीं हो रही है, जिससे अब फसल होने की उम्मीद जगी है। इसमें भी कम से कम 15 दिन लगेंगे।

- विधान सिंह, आगुईडांगरा (पटमदा)

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आलू 18-20 तो प्याज 35 से 40 रुपये बिक रहा

बाजार में अभी आलू 18 से 20 रुपये किलो और प्याज 35 से 40 रुपये तक बिक रहा है। फिलहाल यही भाव दिसंबर तक रहने की उम्मीद है। आलू-प्याज के थोक कारोबारी दीपक कुमार गुप्ता बताते हैं कि अभी मध्यप्रदेश का आलू खुदरा में 35 और नासिक का 40 रुपये है। थोक भाव 760 और 780 रुपये 50 किलो की बोरी है। दोनों आलू बंगाल से ही आ रहा है। दिसंबर तक नया आलू आएगा तो भाव गिरेगा। तब 250 से 400 रुपये 50 किलो की बोरी पहुंच जाती है।

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