वीर कुंवर सिंह की परपोती देहदान कर जमशेदपुर में तैयार कर रही भावी चिकित्सक

वीर कुंवर सिंह जयंती पर विशेष भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हीरो रहे वीर कुंवर सिंह की परपोती रेणु सिंह के खून में भी देशभक्ति की लहर दौड़ रही है। रेणु सिंह जमशेदपुर के पारडीह स्थित माधवबाग कालोनी में रहती है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 03:15 PM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 03:15 PM (IST)
वीर कुंवर सिंह की परपोती देहदान कर जमशेदपुर में तैयार कर रही भावी चिकित्सक
वीर कुंवर सिंह की परपोती देहदान कर जमशेदपुर में तैयार कर रही भावी चिकित्सक

अमित तिवारी, जमशेदपुर : भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हीरो रहे वीर कुंवर सिंह की परपोती रेणु सिंह के खून में भी देशभक्ति की लहर दौड़ रही है। रेणु सिंह जमशेदपुर के पारडीह स्थित माधवबाग कालोनी में रहती है लेकिन, उनका पूरे दिन समाजसेवा में ही बीतता है। वे बड़ी जिम्मेवारी निभा रही हैं।

धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों को तैयार करने से लेकर दृष्टिहीनों की जिंदगी में रोशनी भरने, गरीबों के तन ढकने और उनके पेट भरने के लिए भी काम कर रही है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस व पीजी छात्रों की पढ़ाई पूरा कराने में रेणु सिंह का अहम भूमिका होती है। दरअसल, रेणु सिंह देहदान के प्रति अभियान चला रही है। उनके प्रयास से अब तक पांच मृतकों के शव (देह) एमजीएम मेडिकल कॉलेज को दिया जा चुका है। जबकि 32 लोगों को उन्होंने देहदान का संकल्प दिलवाया है और उनसे फॉर्म भी भरवाया है। इन शवों पर एमबीबीएस व पीजी के छात्र प्रैक्टिकल करते हैं और इलाज करने के गुण सीखते हैं।

हम देहदान नहीं करेंगे तो डॉक्टर कैसे होंगे तैयार

रेणु सिंह देहदान की शुरूआत अपने पति से की। पति का नाम विनोद सिंह था। वह एयर फोर्स में तैनात थे। वर्ष 2016 में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। इसके बाद उनके शव को एमजीएम कॉलेज को सौंप दिया। ताकि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को एक बेहतर डॉक्टर बनने में मदद मिल सकें। वहीं, उनके नेत्र को आई बैंक को दान किया गया। ताकि किसी दृष्टिहीन की जिंदगी में रोशनी भर आए। रेणु सिंह खुद भी अपना देह दान कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि एक शरीर से दस लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है। लेकिन, यहां उसके उपयोग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में देहदान भावी चिकित्सकों की पढ़ाई में मदद कर रहा है। वह कहती है कि अगर हमलोग देहदान नहीं करेंगे तो डॉक्टर कैसे तैयार होंगे।

सात कर चुके हैं नेत्रदान और 55 को दिलाई संकल्प

रेणु सिंह की पहल पर अब तक सात मृतकों के नेत्र आई बैंक को सौंपा जा चुका है। वहीं, 55 लोगों को उन्होंने नेत्र दान के लिए संकल्प दिलवाया है और उनसे फॉर्म भी भरवाया है। ताकि मरने के बाद किसी तरह की परेशानी

उत्पन्न नहीं हो सकें। रेणु सिंह देहदान के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। वे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर देहदान के फायदे लोगों को समझाती है।

चार साल से चला रही नेकी की दीवार

रेणु सिंह वर्ष 2017 से नेकी की दीवार भी चला रही है। वह कहती हैं कि वर्ष 2016 में वह प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी घूमने गई थी। तभी नेकी की दीवार उन्हें पसंद आ गई। इसके बाद वापस उन्होंने जमशेदपुर में शुरू की। नेकी की दीवार के माध्यम से वे गरीबों को कपड़ा बांट रही है। यहां शहरभर के लोग कपड़ा छोड़ जाते है, जिसे गरीबों के बीच बांटी जाती है।

रोटी बैंक के माध्यम से भूखे का भर रही पेट

जमशेदपुर में रोटी बैंक का भी संचालन होता है। उसमें भी रेणु सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका है। रोटी बैंक के माध्यम से फुटपाथ पर गुजर-बसर करने वाले लोग, एमजीएम अस्पताल के मरीज व अटेंडरों के बीच भोजन का वितरण किया जाता है। रोटी बैंक का संचालक मनोज मिश्रा है।

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