प्रशिक्षु उप समाहर्ता ने लिया अंचल अधिकारी का प्रभार

प्रशिक्षु उप समाहर्ता प्रशांत हेंब्रम ने मुसाबनी अंचल कार्यालय में सोमवार को अंचल अधिकारी के पद पर अपना योगदान दिया। उपायुक्त द्वारा उन्हें मुसाबनी अंचल कार्यालय का प्रभार लेने के लिए आदेश निर्गत किया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 09:30 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 09:30 AM (IST)
प्रशिक्षु उप समाहर्ता ने लिया अंचल अधिकारी का प्रभार
प्रशिक्षु उप समाहर्ता ने लिया अंचल अधिकारी का प्रभार

संसू, मुसाबनी : प्रशिक्षु उप समाहर्ता प्रशांत हेंब्रम ने मुसाबनी अंचल कार्यालय में सोमवार को अंचल अधिकारी के पद पर अपना योगदान दिया। उपायुक्त द्वारा उन्हें मुसाबनी अंचल कार्यालय का प्रभार लेने के लिए आदेश निर्गत किया गया था। उन्होंने वर्तमान अंचल अधिकारी राम नरेश सोनी से पदभार ग्रहण किया। इस मौके पर अंचल कार्यालय के सभी कर्मियों ने नए अंचल अधिकारी प्रशांत हेंब्रम का गर्मजोशी से स्वागत किया। अंचल अधिकारी प्रशांत हेम्ब्रम ने बताया कि मुसाबनी अंचल कार्यालय में लंबित भूमि संबंधित मामले का वे निष्पादन करने का हर संभव प्रयास करेंगे ।क्षेत्र में विधि व्यवस्था पर भी उनकी पैनी नजर रहेगी।उन्होंने बताया कि अगस्त 2020 में वे झारखंड प्रशासनिक सेवा चुने गए थे। प्रशिक्षण के लिए उन्हें जनवरी 2021 में मुसाबनी प्रखंड कार्यालय भेजा गया था। उनका प्रशिक्षण अवधि जिला में समाप्त होने के उपरांत उपायुक्त द्वारा तत्काकाल उन्हें मुसाबनी अंचल अधिकारी का प्रभार लेने का निर्देश दिया गया। इसी आलोक में वे सोमवार को अंचलाधिकारी का पदभार ग्रहण किए। प्रशांत हेंब्रम मूलत: धनबाद जिला के रहने वाले हैं। सड़क हादसे में नरसिंहगढ़ के शिक्षक सूर्यनारायण कुंडू की मौत : डिमना चौक पर सोमवार की सुबह हुई सड़क हादसे में नरसिंहगढ़ के शिक्षक सूर्यनारायण कुंडू की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, वहीं पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। मृत शिक्षक बुंडू के सारजमडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शिक्षक थे। वे अपनी अपनी हीरो होंडा स्प्लेंडर मोटरसाइकिल संख्या जेएच 05 बी यु-9416 से स्कूल जा रहे थे। शिक्षक सूर्यनारायण कुंडू की नियुक्ति 2016 में सारजमडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय में हुई. पहले वे एवं उनके साथी बस से आना-जाना करते थे। लेकिन कोरोना काल में बस बंद होने के बाद मोटरसाइकिल से ही नरसिंहगढ़ से बुंडू होते वह स्कूल जाते थे। वे अपने पूछे पत्नी रितु कुंडू, एक पुत्र केशव कुंडू (7) तथा दो पुत्रियां सुष्मिता (13) एवं प्रतिभा (10) छोड़ गए हैं। पुत्र पुत्रियों एवं पत्नी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।

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