कोरोना को हराना है : धर्मगुरुओं ने कहा- कोरोना से बचने का टीका ही बेहतर उपाय

शहरी क्षेत्र में कोरोना निरोधी टीका लेने के लिए युवाओं में होड़ लगा हुइ है वहीं गांव में वैक्सीनेशन सुस्त है। ग्रामीण क्षेत्र में अफवाह व जानकारी की कमी के कारण लोग टीका केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। धर्मगुरुओं से इस बाबत जानिए क्या कहा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:55 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:09 PM (IST)
कोरोना को हराना है : धर्मगुरुओं ने कहा- कोरोना से बचने का टीका ही बेहतर उपाय
हमें कोरोना के चेन को तोड़ना है तो हम सभी को आगे आकर वैक्सीन लेना होगा।

जमशेदपुर, जासं। एक तरफ शहरी क्षेत्र में कोरोना निरोधी टीका लेने के लिए युवाओं में होड़ लगी हुइ है, वहीं गांव में वैक्सीनेशन सुस्त हैं। ऐसा इसीलिए है कि ग्रामीण क्षेत्र में अफवाह व जानकारी की कमी के कारण लोग टीका केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।  दैनिक जागरण ने विभिन्न समुदायों के धर्मगुरुओं से इस बाबत बात की तो उन्होंने कहा कि कोरोना को मात देने का यही अंतिम हथियार है।

हमलोग शुरू से ही यह कह रहे हैं कि कोरोना से बचने के लिए सबको टीका लेना चाहिए। इससे खुद की हिफाजत होगी। सरकार हमें यह सुविधा उपलब्ध करा रही है, तो इसका फायदा सबको लेना चाहिए। पहले रमजान को लेकर लोगों को थोड़ी दिक्कत थी, लेकिन अब रमजान खत्म हो गया है। अब लोग टीका ले भी रहे हैं।

          - मुफ्ती अब्दुल मलिक मिस्बाही, मदीना मस्जिद, आजादनगर, मानगो हम तो शुरू से ही कोरोना टीका लेने के सभी लोगों को बोल रहे हैं। जो भी चर्च में आता है या जिससे भी संवाद होता है, उसे टीका लेने के लिए बोलते हैं। हमने तो सेंट मेरीज स्कूल, लोयोला स्कूल और संत रॉबर्ट स्कूल को टीकाकरण केंद्र के लिए भी दिया है। समाज के लोग टीका ले रहे हैं, कहीं कोई भ्रम नहीं है।

     - फादर एडविन कुएलो, सेंट जोसेफ चर्च, गोलमुरी

कोरोना महामारी को रोकने का एक ही उपाय है वैक्सीन। क्योंकि अब तक इसकी दवा नहीं आई है। यदि हमें कोरोना के चेन को तोड़ना है तो हम सभी को आगे आकर वैक्सीन लेना होगा। तभी हम घर पर बंधक की जिंदगी से निकलकर वर्ष 2020 से पहले जो खुशहाल जिंदगी जीते थे, वापस पा सकेंगे।

       -हरविंदर सिंह जमशेदपुरी, सिख धर्म प्रचारक

हमारे कई श्रद्धालुओं का निधन कोरोना से हो गया, इसका हमें काफी दुख है। इसी वजह से बीच में जब मंदिर खुला था, तो श्रद्धालुओं के लिए हैंडवाश और सैनिटाइजर की व्यवस्था की थी। मंदिर में कोई श्रद्धालु बिना हाथ धोए या सैनिटाइजर लगाए प्रवेश नहीं करता था। अभी जो भी श्रद्धालु फोन करता है, उसे सबसे पहले टीका लेने के लिए कहते हैं।

      - पं. राजू वाजपेयी, शीतला मंदिर, साकची

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