झारखंड में पहली बार बाघों एवं हाथियों की एक साथ होगी गणना, ये रही पूरी जानकारी

Tiger and Elephant counting. पहली बार झारखंड में हाथियों एवं बाघों की गणना एक साथ होगी। गूगल एप एम-स्ट्रिप्स साफ्टवेयर में जियो रेफरेंसिंग डाटा की होगी आनलाइन इंट्री। अखिल भारतीय बाघ आकलन के लिए वन विशेषज्ञों को प्रशिक्षण दिया गया।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 10:55 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 10:55 AM (IST)
झारखंड में पहली बार बाघों एवं हाथियों की एक साथ होगी गणना, ये रही पूरी जानकारी
प्रशिक्षण लेते पोड़ाहाट डीएफओ नीतीश कुमार व अन्य।

जागरण संवाददाता, चाईबासा। पहली बार झारखंड समेत पूरे देश भर में बाघों व हाथियों की गणना एक साथ होगी। इसको लेकर चाईबासा स्थित वनपाल प्रशिक्षण विद्यालय में अखिल भारतीय बाघ आकलन (ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन) 2021-22 का एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इसमें कुल 7 प्रमंडलों के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। इसमें बाघों एवं हाथियों की गणना गूगल एप एम-स्ट्रिप्स सॉफ्टवेयर के माध्यम से कराए जाने का प्रशिक्षण दिया गया।

पलामू टाइगर रिजर्व के संलग्न पदाधिकारी (आईएफएस 2018 बैच) नरेंद्र कुमार ने बताया कि अगर हम परंपरागत तकनीक से वनों में गतिविधियां करें तो हमारा विकास भी होगा और जानवरों को नुकसान भी नहीं हो पाएगा। तब सारंडा में बाघ पाए जाने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाएगी। आज तकनीकी तरीके से एम-स्ट्रिप्स सॉफ्टवेयर के माध्यम से बाघों एवं हाथियों की जनगणना करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है इससे हमारा डाटा सुरक्षित रहेगा। डाटा का दोहराव भी नहीं होगा। जो भी डाटा क्षेत्र से लिया जायेगा उनका संग्रहण ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा। यह प्रशिक्षण राज्य स्तरीय है । राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 23 सितंबर से लेकर 29 सितंबर तक यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में मांसाहारी एवं शाकाहारी जानवरों की गणना की जाएगी।

पहले कर्मचारियों को भी किया जाएगा प्रशिक्षित

सारंडा डीएफओ चंद्रमौली प्रसाद सिन्हा ने बताया कि इस बार ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के पांचवे चरण 2021-22 का प्रशिक्षण चल रहा है। इसमें तकनीकी तरीकों से बाघों एवं हाथियों की गणना एक साथ की जाएगी। प्रशिक्षण के बाद सारंडा के विभिन्न प्रक्षेत्रों में प्रशिक्षण का आयोजन कर क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को तकनीकी तरीकों से हाथी एवं बाघों की जनगणना के बारे में बताया जाएगा। जो लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं वह क्षेत्र में जाकर क्षेत्र के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे हमारा जो भी क्षेत्र से डाटा संग्रहित की जाएगी उन्हें सॉफ्टवेयर के माध्यम से सुरक्षित रखा जा सकेगा। सटीक व सही डाटा का संग्रहण आसान हो जाएगा क्योंकि इसमें जो भी डाटा इस सॉफ्टवेयर में डाला जाएगा वह जियो रेफरेंसिंग डाटा होगा। अर्थात उस क्षेत्र की जीपीएस कोऑर्डिनेट उस डाटा के साथ ली जाएगी और वह डाटा एकदम सटीक होगा। जो भी डाटा क्षेत्र से प्राप्त होगा उसे विशेषज्ञ के द्वारा सघनता से जांच की जाएगी। उसके बाद भी डाटा को अपलोड किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में पोड़ाहाट डीएफओ नीतीश कुमार, डीएफओ चाईबासा सत्यम कुमार, डीएफओ कोल्हान अभिषेक भूषण, डीएफओ सरायकेला आदित्य नारायण, डीएफओ दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी अभिषेक कुमार, संलग्न पदाधिकारी प्रजेश कांत जेना, एसीएफ एलएन मरांडी, एसीएफ निरंजन कुमार आदि उपस्थित थे।

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