जी हां, पारसी समुदाय के इस बुजुर्ग को 1000 रुपये से कम मिल रही पेंशन

आमतौर पर पारसी समुदाय के बारे में यही धारणा है कि ये बहुत संभ्रांत व धनाढ्य होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। सभी पारसी अमीर नहीं हैं कई एक-एक पैसे के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं मेहरनोस केरसी खंबाटा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 05:58 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 05:58 PM (IST)
जी हां, पारसी समुदाय के इस बुजुर्ग को 1000 रुपये से कम मिल रही पेंशन
जुबिली पार्क से सटी पारसी कालोनी में रहनेवाले मेहरनोस केरसी खंबाटा।

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। आमतौर पर पारसी समुदाय के बारे में यही धारणा है कि ये बहुत संभ्रांत व धनाढ्य होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। सभी पारसी अमीर नहीं हैं, कई एक-एक पैसे के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं मेहरनोस केरसी खंबाटा।

जुबिली पार्क से सटी पारसी कालोनी में खंबाटा का दर्द है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 10 फरवरी को घोषणा कर दी कि अब देश में किसी को एक हजार रुपये से कम पेंशन नहीं मिल रही है, तो उनके साथ ऐसा क्यों है। खंबाटा बताते हैं कि वे टाटा स्टील के टाउन डिवीजन में कार्यरत थे। उन्होंने वर्ष 2000 में इएसएस (अर्ली सेपरेशन स्कीम) के तहत अवकाश ले लिया था। सेवानिवृत्ति के दौरान उन्हें अच्छी-खासी रकम मिली थी, जिससे आर्थिक तंगी महसूस नहीं हुई। वर्ष 2004 में जब उन्हें पैसे की आवश्यकता हुई तो उन्होंने ईपीएफ से पेंशन के लिए आवेदन दिया। तब से उन्हें आज तक 831 रुपये ही मिल रहा है।

उम्र बनी पेंशन की बाधा

2017 में ही मेरी उम्र 60 वर्ष पूरी हो गई है, इस नाते भी पेंशन राशि नहीं बढ़ी। मैंने भविष्य निधि विभाग समेत तमाम विभागों से पत्राचार और आरटीआइ तक किया, लेकिन कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मैंने आखिरी आरटीआई 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय में ईमेल से दिया था, वहां से भी जवाब नहीं आया। अब कहां से इसका जवाब मिलेगा, मुझे समझ में नहीं आ रहा है। टाटा स्टील से सेवानिवृत्त होने के बाद खंबाटा जमशेदपुर सिविल कोर्ट में बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रहे हैं, लेकिन कोरोना की वजह से इस पेशे में भी मंदी आ गई है। उनका कहना है कि क्या प्रधानमंत्री द्वारा संसद में दिए गए बयान के आधार पर मुझे एक हजार रुपये पेंशन मिलेगी।

बुजुर्ग पेंशन के लिए आवेदन करें खंबाटा

सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति के अध्यक्ष शिवपूजन सिंह ने कहा कि टाटा स्टील समेत कई कंपनी कर्मचारियों के साथ यह मामला है। कई लोगों को एक हजार रुपये पेंशन मिल रही है। मेरा आग्रह है कि ऐसे लोग बुजुर्ग पेंशन के लिए आवेदन करें, यहां से उन्हें एक हजार रुपये पेंशन मिलेगी। इससे उनके पीएफ विभाग से मिलने वाली राशि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। झारखंड पेंशनर कल्याण समाज के सोनारी प्रभारी पं. किशोर चटर्जी ने भी कहा कि कंपनी से सेवानिवृत्त हुए कई लोगों के साथ ऐसा सुनने में आता है।

ये कहते अधिकारी

वास्तव में क्या मामला है, यह देखने के बाद ही कुछ कह सकूंगा। वैसे कंपनी से सेवानिवृत्त जो कर्मचारी पेंशन राशि की एक तिहाई राशि के बदले एकमुश्त राशि ले लेते हैं, उनकी पेंशन राशि कम हो जाती है। इसके अलावा पीएफ विभाग 58 वर्ष के बाद पेंशन का भुगतान करता है, यदि उन्होंने इससे कम उम्र में ईएसएस लिया होगा, तो भी पेंशन राशि कम हो सकती है। पूरा मामला देखने के बाद ही बताया जा सकता है कि समस्या कहां है।

- तुषारकांत मुखर्जी, क्षेत्रीय आयुक्त, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कोल्हान

 

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