Covid 19 के दौरान देश को इन दिग्गज कॉरपोरेट लीडर्स ने की मदद, रतन टाटा का नाम भी शीर्ष पर

COVID-19 वैश्विक महामारी कोरोना पूरी दुनिया पर कहर बनकर टूटा। दुनिया भर की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधा चरमरा गई। लेकिन हमारे कॉरपोरेट लीडर्स हिम्मत नहीं हारे और इस चुनौतियों में सरकार के साथ खड़ा खड़े दिखे।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 08:16 AM (IST)
Covid 19 के दौरान देश को इन दिग्गज कॉरपोरेट लीडर्स ने की मदद, रतन टाटा का नाम भी शीर्ष पर
Covid 19 के दौरान देश को इन दिग्गज कॉरपोरेट लीडर्स ने की मदद

जमशेदपुर : मार्च 2020 में जब कोविड 19 का प्रकोप आया तो इसे भारत जैसे देश को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। क्योंकि हमारे देश में जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग मीटर सबसे अधिक है। इतनी बड़ी आबादी के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था भी काफी अपर्याप्त है।

ऐसे में कोविड 19 का शिकार एक बड़ी आबादी हुई। मानवीय क्षति भी काफी हुई। इसके साथ ही संपूर्ण लॉकडाउन होने से अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ा। लोगों के सामने कई तरह की चुनौतियां आई। ऐसे में केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ कई कॉरपोरेट घरानों ने लोगों की मदद के लिए आगे आए और मानवता की सेवा की। साथ ही देश के दूसरे बड़ी कंपनियों के लिए भी प्रेरणा बने।

संजीव बजाज

बजाज फिनसर्व के प्रेसिडेंट सह प्रबंध निदेशक संजीव बजाज हैं। जिन्होंने कोविड 19 के खिलाफ देश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए केंद्र व राज्य सरकार को काफी सहयोग किया। बजाज समूह ने ग्रामीण और शहरी दोक्षेत्रों में संचालित नौ अस्पतालों को 5,000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन आपूर्ति प्रदान करने के लिए 12 ऑक्सीजन संयंत्रों की खरीद में सहायता की।

साथ ही दूसरी लहर के दौरान बजाज समूह ने 200 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की। कंपनी ने कोविड के तत्कालिक खतरों को दूर करने के लिए दवाएं, आक्सीजन, अस्पताल में बिस्तर की कमी सहित अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया। पहली लहर के दौरान भी कंपनी की ओर से 100 करोड़ रुपये का दान दिया गया था।

सत्या नडेला

माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के सीईओ हैं सत्या नडेला। जिन्होंने कोविड 19 के समय मानव जीवन को बचाने के लिए अपनी सहानुभूति दिखाई। इस दौरान कंपनी ने न सिर्फ मानवता की सेवा की बल्कि लोगों को कोविड को लेकर जागरूक भी किया।

शिव नाडर

 

एचसीएल के संस्थापक सह एमेरिटस के प्रेसिडेंट शिव नाडर एक भारतीय अरबपति है। जिन्होंने कोविड 19 से बचाव के लिए सरकार को काफी मदद की। देश के कई हिस्सों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया। साथ ही देशवासियों को जागरूक करने में मदद की।

रतन टाटा

दुनिया के सबसे सफल, प्रतिभाशाली और बुद्धिमान लीडर्स में से एक, रतन टाटा अकेले ही टाटा समूह को महान शिखर पर ले गए। 20 साल से अधिक के उनके शानदार करियर में टाटा समूह ने राजस्व के मामलें में शानदार बढ़ोतरी हासिल की। उनके नेतृत्व में टाटा संस ने वर्ष 2008 में जगुआर लैंड रोवर और 2010 में यूरोपीय स्टील कंपनी कोरस स्टील का अधिग्रहण था।

कोविड 199 के समय रतन टाटा की पहल पर टाटा समूह ने अपने खजाने का मुंह देशवासियों के कल्याण के लिए खोल दिया। रतन टाटा की ओर से सरकार को 1500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की। साथ ही समूह की सभी कंपनियों को निर्देश दिया कि देशवासियों की सेवा के लिए पैसों की चिंता नहीं की। ऐसे में कंपनियों ने देश के कोने-कोन में छोटे-छोटे अस्पतालों का निर्माण कराया।

होटल ताज को भी कोविड सेंटर के रूप में स्थापित किया। इसके अलावा टाटा समूह की कंपनियों ने देश के 5000 से अधिक सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट का निर्माण कर रही है जो एक मिनट में 10 हजार लीटर आक्सीजन का उत्पादन करेगी। इसके अलावा समूह ने अपने खर्चे पर कोविड वैक्सीन खरीदे ताकि उनके कर्मचारियों को सरकार की ओर से मिलने वाले वैक्सीन के लिए इंतजार नहीं करना पड़े। कंपनी द्वारा खुद व्यवस्था कर पहले कर्मचारियों को संक्रमण से बचाया जा सके।

इसके अलावा जब देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीन और सिलेंडर की कमी हुई तो टाटा समूह ने विदेशों से 50 हजार से अधिक गैस सिलेंडर का आयात किया। साथ ही टाटा समूह की कंपनियों से उत्पादित होने वाले लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति की और उसे देश के जरूरतमंद राज्यों को भेजा।

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