Debit Credit Card : एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड में बहुत अंतर होता है, जानते हैं कि नहीं
Debit Credit Card आज हर किसी की जेब में एटीएम डेबिट व क्रेडिट कार्ड होते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन तीनों कार्डों में क्या अंतर है। तो आप भी जान लीजिए इन तीनों में क्या फर्क है...
जमशेदपुर, जासं। एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का प्रचलन काफी दिनों से है। यदि कहें कि तीनों एक साथ ही आ गए थे, तो गलत नहीं होगा। इसके बावजूद बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि इनमें क्या अंतर है। डिजिटल इंडिया में इन दोनों का खूब इस्तेमाल हो रहा है। इसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड का महत्व कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। हालांकि, अब ज्यादातर लोग नेट या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसके पास डेबिट कार्ड नहीं हो। अब बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड लेने का खूब आग्रह किया जा रहा है।
इन दिनों खूब इस्तेमाल हो रहा डेबिट व क्रेडिट कार्ड
इसके माध्यम से आप शॉपिंग, ट्रैवलिंग, पेट्रोल-डीजल भराने से लेकर कई तरह के लेनदेन आसानी से कर सकते हैं। बैंक पर ज्यादा बोझ नहीं पड़े या बैंक में कम ग्राहक आएं, इसके लिए बैंक अपने खाताधारकों या ग्राहकों को इनका इस्तेमाल करने पर जोर देते हैं। ऐसे में आप सोचते होंगे कि जब डेबिट, क्रेडिट और एटीएम कार्ड तीनों एक ही हैं, तो तीनों को रखना क्यों आवश्यक है।
एटीएम व डेबिट कार्ड एक ही तरह के हैं
दरअसल, एटीएम और डेबिट कार्ड एक ही तरह के होते हैं। एटीएम या डेबिट कार्ड का ज्यादातर इस्तेमाल एटीएम से पैसे निकालने के अलावा शॉपिंग समेत तमाम खर्च के लिए किया जाता है। ये कार्ड बैंक अपने ग्राहक को आसानी से दे देता है, जिसमें बचत खाता या सेविंग एकाउंट और चालू खाता यानी करेंट एकाउंट दोनों को समान रूप से उपलब्ध कराया जाता है।
इन दोनों कार्ड की मूल बात यह है कि आप इसमें वही राशि खर्च कर या निकाल सकते हैं, जो आपके बैंक खाते में जमा है। इस कार्ड को ऑनलाइन बैंकिंग से भी जोड़ा जा सकता है। इसके माध्यम से यदि आप किसी को भुगतान करते हैं, तो पैसा आपके बैंक खाते से कट जाता है।
क्रेडिट कार्ड में अतिरिक्त राशि मिलती
डेबिट कार्ड से आप उतने ही रुपये खर्च कर या निकाल सकते हैं, जो आपके बैंक खाते में जमा है। वहीं क्रेडिट कार्ड में बैंक में जमा रुपये से अतिरिक्त राशि या रुपये खर्च करने की सुविधा मिलती है। इसके लिए कार्ड लेते समय आपकी खर्च की सीमा या लिमिट निर्धारित की जाती है। इस कार्ड से आप कुछ ज्यादा की खरीदारी कर सकते हैं।
कुछ ज्यादा रुपये भी खर्च कर सकते हैं या इससे उधार ले सकते हैं, लेकिन यह आपको निर्धारित समय के अंदर खुद के खाते में जमा करना भी होता है। यदि आपने समय पर खर्च की हुई राशि अपने क्रेडिट कार्ड से जुड़े बैंक खाते में जमा नहीं कराए, तो लेने के देने पड़ जाएंगे। बैंक आपके ऊपर ब्याज दर ब्याज लगाता जाएगा।
यदि आप किसी कारणवश पैसा नहीं चुका पा रहे हैं, तो आप पर इतना बोझ बढ़ सकता है कि तब आप अफसोस करने या खुद को कोसने के सिवा कुछ नहीं कर पाएंगे। ऐसे में क्रेडिट कार्ड लेने से पहले अच्छी तरह सोच-समझ लें। क्रेडिट कार्ड हर किसी को आसानी से नहीं मिलता, क्योंकि बैंक भी देखता है कि कार्ड लेने वाले के खाते में नियमित रूप से निश्चित लेनदेन होता है कि नहीं।
सुरक्षा या सेफ्टी के नियम
दोनों या कहें तीनों कार्ड के इस्तेमाल में सुरक्षा के नियम लगभग एक जैसे हैं। आप जब भी इनका इस्तेमाल करेंगे, आपको इससे जुड़े फोन नंबर पर मैसेज या एसएमएस से ओटीपी, नोटिफिकेशन या पिन नंबर भेजा जाता है। जब तक आप ओटीपी या पिन नहीं डालेंगे, पैसे नहीं निकलेंगे।