मखाना खाने के जितने फायदे उतने नुकसान भी, सावन माह में है इसकी उपयोगिता
त्योहार के दिन में मखाना का महत्व बढ़ जाता है। उपवास के दौरान यह व्रतियों के मुख्य आहार होता है। मखाना एक तरफ स्वास्थ्य के लाभदायक है तो दूसरी तरफ हानिकारक भी है। यह एंटी ऑक्सीडेंट से भरा होता है।
जमशेदपुर : मखाना में प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्निशियम, आयरन और फॉस्फेरस होता है। मखाना एंटी ऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। यह सूजन और पुरानी बीमारी से हमें बचाता है। जहां एक तरफ मखाना खाने के कई सारे फायदे हैं तो वहीं इसे ज्यादा खाने के नुकसान भी होका हैं। व्रत में आप मखाने की खीर बना कर खा सकते हैं। मखाने में कई तरह के पोषक तत्व हैं जो आपका पेट भरा रखने के साथ ही आपको पौष्टिक तत्व देनें में मदद करेंगे। आप रोजाना एक मुट्ठी मखाना खा सकते हैं। इसे आप कई तरह से बना सकते हैं। स्नैक्स के तौर पर, तो कभी डेजर्ट के तौर पर। यदि आप सही मात्रा में मखाने का सेवन करते हैं तो आपको इसे खाने से किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा। सावन माह में इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है।
अधिक मात्रा में सेवन से कब्ज व सूजन भी हो सकता है
मखाने का अधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज, पेट फूलना और सूजन हो सकती है। जिन्हें कब्ज की परेशानी है, ऐसे लोग इसे खाने से बचें। मखाना गर्म होता हैं और शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत अधिक मखाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता हैा। वैसे तो मखाना में कई सारे फायदेमंद गुण भी हैं। गर्भवती महिलाएं बहुत अधिक हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती हैं। ऐसे में मखाने न खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि इसके पीछे को वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है। शुगर के मरीज जो पहले से ही इंसुलिन पर है, उन्हें मखाना खाने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सर्दियों के दिनों में मखाना के कई फायदे
सर्दियों के दिनों में मखाना को हर दिन अलग-अलग तरह से खाया जा सकता है। इसे खाने के साइड इफेक्ट्स के साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक डाटा नहीं हैं। मखाना शरीर में ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने में मदद करता है। कुछ जानवरों के अध्ययन में पाया गया है कि मखाने का अर्क दिल संबंधित स्वास्थ्य में सुधार के लिए कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम कर सकता है।