Ratan Tata की राह पर चले चंद्रशेखरन, धड़ाधड़ खरीद रहे डिजिटल कंपनियां

एक समय में जिस तरह रतन टाटा ने कोरस नेट स्टील टेटले टी जगुआर लैंडरोवर जैसी वैश्विक कंपनियों को अधिग्रहण कर बिजनेस जगत में खलबली मचा दी थी ठीक उसी तरह चंद्रशेखरन में दनादन कई कंपनियों को खरीद कई बिजनेस टायकून को टेंशन में डाल दिया है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:44 AM (IST)
Ratan Tata की राह पर चले चंद्रशेखरन, धड़ाधड़ खरीद रहे डिजिटल कंपनियां
Ratan Tata की राह पर चले चंद्रशेखरन, धड़ाधड़ खरीद रहे डिजिटल कंपनियां।

जमशेदपुर, जासं। टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन अपने पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की तरह इतिहास रचने जा रहे हैं। बिजनेस सेक्टर में इस बात की जोर-शोर से चर्चा हो रही है। इसकी वजह भी दिखाई दे रही है।

रतन टाटा ने जिस तरह दो दशक पहले यूके की कोरस, सिंगापुर की नैट स्टील, चाय की शहूर कंपनी टेटली और जगुआर लैंड-रोवर का अधिग्रहण किया था, पूरी दुनिया के उद्योग जगत में खलबली मच गई थी। ठीक उसी तरह एन. चंद्रशेखरन डिजिटल कारोबार में जबरदस्त पैठ बनाते दिख रहे हैं। इन्होंने मई के आखिर में ऑनलाइन ग्रॉसर बिगबास्केट में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी, तो जून में ऑनलाइन फिटनेस कंपनी क्योरफिट और अब ऑनलाइन फार्मा कंपनी 1-एमजी ले लिया। अब बताया जा रहा है कि टाटा समूह ऑनलाइन डिलीवरी कंपनी डंजो खरीदने जा रही है।

सुपर एप बनने की ओर अग्रसर

रतन टाटा ने वैश्विक स्तर पर टाटा समूह को स्थापित किया था, तो अब चंद्रशेखरन डिजिटल बिजनेस में तहलका मचाने जा रहे हैं। इन कंपनियों की बदौलत टाटा समूह सुपर एप बनने की ओर अग्रसर हो सकती है। फिलहाल कुछ ही सुपर एप हैं, जो शॉपिंग से लेकर फूड, ग्रासरी, सर्विस आदि में दखल रखती हैं। लेकिन टाटा जिस तरह से योजना बनाकर इस डिजिटल बिजनेस में पकड़ बनाती जा रही है, वह दिन दूर नहीं होगा, जब चीन की अली-पे, ग्रैब, और इंडोनेशिया की गोजेक पीछे छूट जाएं। ग्रैब भी इस साल के अंत तक 40 अरब डॉलर के साथ एक बड़े प्रोजेक्ट का अधिग्रहण या विलय करने की योजना बना रही है। वी-चैट के मालिक ने इस वर्ष की शुरुआत में लगभग एक ट्रिलियन डॉलर का मूल्यांकन किया था, जो देखते ही देखते करीब 700 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। वहीं टाटा की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का बाजार पूंजीकरण 170 अरब डॉलर है।

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