कोरोना काल में Oxygen बनाने वाली इस कंपनी की हो गई बल्ले-बल्ले, एक साल में निवेशकों को दिया 245 फीसद का रिटर्न

कोरोना काल में सभी कंपनियों की हालत खस्ता है लेकिन एक कंपनी ऐसी है जिसके शेयर के दाम सातवें आसमान पर है। नतीजा ना सिर्फ इस कंपनी को नए-नए कांट्रेक्ट मिल रहे हैं बल्कि एक साल में निवेशकों को 245 फीसद तक का रिटर्न भी दिया है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 04:13 PM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 08:20 PM (IST)
कोरोना काल में Oxygen बनाने वाली इस कंपनी की हो गई बल्ले-बल्ले, एक साल में निवेशकों को दिया 245 फीसद का रिटर्न
कोरोना काल में Oxygen बनाने वाली इस कंपनी की हो गई बल्ले-बल्ले

जमशेदपुर : कोरोना काल (Covid Period) में सभी कंपनियों की हालत खस्ता है, लेकिन एक कंपनी ऐसी है जिसके शेयर (Share market) के दाम सातवें आसमान पर है। नतीजा, ना सिर्फ इस कंपनी को नए-नए कांट्रेक्ट मिल रहे हैं, बल्कि एक साल में निवेशकों को 245 फीसद तक का रिटर्न भी दिया है। अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो जर्मनी की आक्सीजन उत्पादन करने वाली कंपनी लिंडे (Linde India) में भाग्य आजमा सकते हैं।

जमशेदपुर में लिंडे का आक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) साकची स्थित गरमनाला व बर्मामाइंस में है। इसकी उत्पादन क्षमता अधिकतम 5000 टन है। यह टाटा स्टील (Tata Steel) को इंडस्ट्रियल आक्सीजन सप्लाई करती है। कोरोना काल में यह देश भर में आक्सीजन की कमी को पूरा करने किए दिन-रात एक किए हुए हैं।

आक्सीजन की सप्लाई करने के लिए लिंडे ने टाटा समूह व आइटीसी के साथ समझौता किया है। यह दोनों कंपनियों को 24-24 क्रायोजेनिक कंटेनर दे रही है। क्रायोजेनिक कंटेनर में ही आक्सीजन की सप्लाई की जाती है।

टाटा समूह ने किया करार

टाटा समूह (Tata Group) ने लिंडे से 24 क्रायोजेनिक कंटेनर लेने का करार किया है। इसी सप्ताह जर्मनी से कंटेनर को लिफ्ट कर भारत लाया जाएगा। इसमें हर कंटेनर की क्षमता 20 टन लिक्विड रखने की है। इन कंटेनर्स का इस्तेमाल सुदूर इलाके में ऑक्सिजन स्टोरेज के रूप में भी किया जा सकता है। बता दें कि रिलायंस (Reliance India), टाटा स्टील, इंडियन ऑयल (Indian Oil), भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) जैसी कंपनियां अभी अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सिजन की आपूर्ति कर रही हैं।

आइटीसी को चाहिए 24 कंटेनर

आइटीसी ग्रुप (ITC Group) ने बताया है कि उसने लिंडे इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता किया है। इसके तहत मेडिकल आक्सीजन के परिवहन के लिए 24 कंटेनर आयात किया जा रहा है। प्रत्येक कंटेनर की क्षमता 20 टन की होगी। इसका इस्तेमाल देश भर में आक्सीजन सप्लाई के लिए किया जाएगा। इसके अलावा कंपनी वितरण के लिए बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स भी मंगवा रही है। देश अभी ऑक्सिजन क्राइसिस से जूझ रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने कस्टम ड्यूटी माफ करने का फैसला किया है। इस नेक काम में देश के कॉर्पोरेट भी सामने आए हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां इंडस्ट्रियल ऑक्सिजन को मेडिकल ऑक्सिजन में बदल कर अस्पताल और राज्य सरकारों की मदद कर रही हैं। लिंडे इंडिया इंडस्ट्रियल गैस बनाने वाली देश की अग्रणी कंपनी है और इसे आइटीसी, टीसीएस जैसी कंपनियों से ठेका मिला है.

जिस तरह कॉरपोरेट कंपनिया आगे आर रही है, ऐसे में जब सोमवार को शेयर बाजार खुलेगा तो इसके शेयर में उछाल आने की संभावना है। कोरोना संकट के बीच पिछले तीन महीने में इस कंपनी ने 102 फीसदी और एक साल में 245 फीसदी का रिटर्न दिया है। इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में कंपनी का शेयर 1866 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 2074 रुपए है। न्यूनतम स्तर 485 रुपए है। कंपनी का मार्केट कैप 15911 करोड़ रुपए है।

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