केबल कंपनी जमशेदपुर के कर्मचारियों को बडी राहत, इंकैब को दिवालिया घोषित करने का आदेश रद; ये रही पूरी जानकारी

इंकैब कंपनी से जुड़े कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। एनसीएलएटी से शुक्रवार सुबह बड़ी खबर आई है। अपीलिएट कोर्ट दिल्ली में चेयरमैन के कोर्ट संख्या एक ने एनसीएलटी के कोलकाता बेंच द्वारा इंकैब को दिवालिया घोषित करने के आदेश को रद कर दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 12:05 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 09:50 PM (IST)
केबल कंपनी जमशेदपुर के कर्मचारियों को बडी राहत, इंकैब को दिवालिया घोषित करने का आदेश रद; ये रही पूरी जानकारी
कैब को दिवालिया करने की जो तलवार लटक रही थी वह समाप्त हो गई है।

जमशेदपुर, जासं। इंकैब कंपनी से जुड़े कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलिएट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) से शुक्रवार सुबह बड़ी खबर आई है। अपीलिएट कोर्ट, दिल्ली में चेयरमैन के कोर्ट संख्या एक ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के कोलकाता बेंच द्वारा इंकैब को दिवालिया घोषित करने के आदेश को रद कर दिया है। इससे इंकैब को दिवालिया करने की जो तलवार लटक रही थी वह समाप्त हो गई है।

आपको बता दें कि अप्रैल 2000 से इंकैब इंडस्ट्री बंद है। एनसीएलटी की कोलकाता बेंच ने कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के रूप में शशि अग्रवाल को प्रतिनियुक्त किया लेकिन कंपनी की देनदारी व कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के आधार पर रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने कोर्ट को यह बताया कि इंकैब इंडस्ट्री को पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। ऐसे में सात फरवरी 2020 को कोलकाता बेंच ने इंकैब इंडस्ट्री को दिवालिया करने का आदेश दिया था। स्थायी कर्मचारियों की ओर से द इंडियन केबल वर्कर्स यूनियन से महामंत्री राम विनोद सिंह और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की ओर से भगवती सिंह ने इंकैब को दिवालिया करने के आदेश को मई 2020 में अपीलिएट कोर्ट में चुनौती दी गइ। लंबी सुनवाई के बाद अपीलिएट कोर्ट ने इस मामले में आठ मई 2021 को अपना आदेश को सुरक्षित रख लिया था। जिस पर शुक्रवार सुबह 1648/2018 सीपी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया।

अधिवक्ता अखिलेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार इन पांच बिंदुओं पर अपीलिएट कोर्ट ने दिया आदेश नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता बेंच ने जो आदेश दिया है वह पूरी तरह से गैर कानूनी है, अपीलिएट कोर्ट ने उसे निरस्त कर दिया। एनसीएलटी का काम कंपनी को पुर्नजीवित करना है जो उसने नहीं किया। कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) में कमला मिल्स व पेगासस नहीं रह सकते हैं इसलिए इस कमेटी ने जो निर्णय लिए हैं उसे रद किया जाता है। एनसीएलटी ने शशि अग्रवाल ने परिमापक के रूप में जिसे प्रतिनियुक्त किया था उन्होंने भी गैर कानूनी ढ़ंग से काम किया। ऐसे में अपीलिएट कोर्ट इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आइबीबीआइ) को प्रस्ताव देती है कि इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे। सबसे महत्वपूर्ण, कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की अनुशंसा पर एनसीएलटी ने कंपनी को दिवालिया घोषित किया और इस आदेश के तहत परिसमापक शशि अग्रवाल ने जो भी काम किए उन सभी को तत्काल प्रभाव से रद किया जाता है।

chat bot
आपका साथी