Jamshedpur, Jharkhand: कोरोना से इस तरह लड़ रही अकेली महिला, रात दो बजे तक कर रहीं मदद
Jamshedpur Jharkhand कोविड-19 (कोरोना) की दूसरी लहर से हर कोई घबराया हुआ है। पता नहीं चल रहा है कि कौन कैसे संक्रमित हो जा रहा है। ऐसे में शहर की एक महिला कोरोना से लड़ रही है। रात दो बजे तक जागती रहती हैं ताकि संक्रमितों की सेवा कर सकें।
जमशेदपुर, जासं। कोविड-19 (कोरोना) की दूसरी लहर से हर कोई घबराया हुआ है। पता नहीं चल रहा है कि कौन कैसे संक्रमित हो जा रहा है। ऐसे में शहर की एक महिला कोरोना से लड़ रही है। रात दो बजे तक जागती रहती हैं, ताकि संक्रमितों की सेवा कर सकें।
जी हां, इन्हें आप भी जानते होंगे। लायंस की जोन चेयरपर्सन और बीमा कर्मचारी संघ, जमशेदपुर मंडल की अध्यक्ष पूरबी घोष इस भीषण परिस्थिति में जिस तरह से लोगों की ऑनलाइन मदद कर रही हैं, जानकर आप चकित हो जायेंगे। गत वर्ष ही 22 सितंबर को इन्होंने अपने घर में ऑक्सीजन बैंक खोल लिया था, वह आज भी चल रहा है। इसमें लायंस क्लब ऑफ जमशेदपुर के कुछ सदस्यों और दूसरे समाजसेवियों ने मदद की थी। उस समय भी कोरोना का प्रकोप बहुत ज्यादा था। आज का इस विषम परिस्थिति में उन्होंने ये सेवा जारी रखी है।
ये बढ़ा रहे हौसला
पूरबी घोष का हौसला बढ़ाने वालों में शहर के जो समाजसेवी शामिल हैं, उनमें रुद्र प्रामाणिक, डा. बीके सिंह, लायंस क्लब आफ जमशेदपुर टाटानगर के अध्यक्ष संजय पांडेय, लायंस क्लब के रीजन चेयरपर्सन रोहित अग्रवाल, राजेश राय (बंग बंधु), संदीप सिन्हा चौधरी (सेक्रेटरी, अमल संघ), अरूप मजूमदार (ग्लोब टीवी), डा. सुधा झींगन, डा. सुधाबिंदु भट्टाचार्य, अमिताभ चटर्जी, ब्लड बैंक के संजय चौधरी, रेडक्रॉस के विजय सिंह, अचिंतम गुप्ता आदि हैं। ये इन्हें आक्सीजन सिलेंडर के वितरण में मदद कर रहे है, जबकि वितरण की निगरानी पूरबी घोष घर बैठे कर रही हैं। सिर्फ आक्सीजन सिलेंडर ही नहीं, घर बैठे लोगों को बता रही हैं कि कहां कोविड की जांच हो रही है, कहां टीकाकरण हो रहा, किस अस्पताल में बेड खाली है, आदि।
भोजन पहुंचाने से लेकर ढाढस तक
पूरबी घोष कोरोना संक्रमित की हर तरह से मदद कर रही हैं, चाहे वह कोरोना संक्रमित के घर भोजन पहुंचाना हो या ढाढस बंधाने की आवश्यकता हो। ये ऑनलाइन पैसा भेज कर कई जरूरतमंद बच्चों का स्कूल फीस भी दे रही हैं। यह सब वह अपने और पति गौतम घोष के पेंशन के पैसे से कर रही हैं। सूचना देने में इनकी मदद जिला नियंत्रण कक्ष भी सहयोग करता है। ये जमशेदपुर म्यूजिक सर्कल के योग शिविर में भी योगदान दे रही हैं, ताकि लोग घर में योग व्यायाम करके स्वस्थ रह सकें। मां घर में इन सब कार्यों में व्यस्त रहती है, लेकिन दोनों बेटों को कोई शिकायत नहीं रहती। बेटे भी मां का सहयोग करते हैं। पूरबी घोष कहती हैं कि सबकुछ के बावजूद पति गौतम घोष का सहयोग नहीं मिलता, तो वह यह काम नहीं कर पातीं।