Lockdown का दिख रहा असर, पेट्रोल-डीजल की खपत हुई आधी

कोविड 19 के कारण लॉकडाउन का असर पेट्रोल पंपों पर भी पड़ रहा है। सभी पेट्रोल पंपों की खपत 50 प्रतिशत तक हो गई है। पंप मालिकों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की खपत कम होने से इतनी भी आमदनी नहीं हो पा रही है कि वे वेतन दे सकें।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:41 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:41 PM (IST)
Lockdown का दिख रहा असर, पेट्रोल-डीजल की खपत हुई आधी
23300 से ज्यादा पेट्रोल पंप पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां व पश्चिम सिंहभूम में है संचालित।

जमशेदपुर, जासं। कोविड 19 के कारण लॉकडाउन का असर पेट्रोल पंपों पर भी पड़ रहा है। इसके कारण सभी पेट्रोल पंपों की खपत 50 प्रतिशत तक हो गई है। पेट्रोलियम पद्धार्थ आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में आते हैं। लॉकडाउन में भी झारखंड सहित पूर्वी सिंहभूम के पेट्रोल पंप भले ही हर दिन की तरह खुल रहे हैं लेकिन दो बजे के बाद जब लॉकडाउन लगता है कि सड़क पर गाड़ियों की रफ्तार थम जाती है।

इसके कारण एक्का-दुक्का राहगीर ही पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिए पंप पहुंचते हैं। आवश्यक सेवा होने के कारण दो बजे के बाद पेट्रोल पंप मालिक भी पंप को बंद नहीं कर सकते हैं इसलिए उन्हें भी रात 10 बजे तक और कुछ पंप 24 घंटे भले ही खुले रहते हैं लेकिन इससे उसका असर उनकी आमदनी पर पड़ रहा है। कई पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की खपत कम होने से इतनी भी आमदनी नहीं हो पा रही है कि वे अपने कर्मचारियों को वेतन दे सकें। इसके बावजूद हम बैंक से कर्ज लेकर या अपनी जमा पूंजी से कर्मचारियों को वेतन दे रहे हैं या जरूरी संसाधनों का संचालन कर रहे हैं। हवा व प्रदूषण जांच भी रखना बड़ी चुनौती

पेट्रोल पंप संचालक विश्वाल दत्ता बताते हैं कि मानगो में कभी भी बिजली कट जाती है। पेट्रोल पंप के संचालन के लिए डीजी जनरेटर को चलाना पड़ता है। इसके साथ ही हवा व प्रदूषण जांच भी नियमित रूप से चलता रहता है। इसमें काफी अतिरिक्त खर्च आता है।

हम भी कोरोना वॉरियर्स, वैक्सीन में मिले प्राथमिकता

कोल्हान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के महासचिव कुणाल कर का कहना है कि पेट्रोलियम प्रद्धार्थों के बिना न तो प्रशासनिक अमला और न ही स्वास्थ्य विभाग काम कर सकता है। कोविड 19 महामारी की सभी चुनौतियों का सामना करते हुए हमारे कर्मचारी पूरे सर्मपण के साथ अपनी सेवा दे रहे हैं। ऐसे में सरकार हमें फ्रंटलाइन वर्कर माने और वैक्सीन देने में हमारे कर्मचारियों को प्राथमिकता दें ताकि हम सभी निर्भिक होकर अपनी सेवा दे सके।

एसोसिएशन का ये है कहना

लॉकडाउन की वजह से हमारी बिक्री 50 प्रतिशत से भी कम हो गई है। ऐसे में कर्मचारियों को वेतन देने सहित दूसरी सेवाएं देने में परेशानी हो रही है। हमारा वर्किंग कैपिटल भी तेजी से घटता जा रहा है।

-केएन दत्ता, डीलर, भारत पेट्रोलियम, मानगो

कोविड के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से पूरे कोल्हान में पेट्रोल-डीजल की खपत में 40 से 50 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। इससे डीलरों को भी पंप चलाने में नुकसान हो रहा है। लंबे समय तक यही स्थिति रही तो परेशानी और बढ़ेगी।

-कुणाल कर, महासचिव, कोल्हान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन 23300 से ज्यादा पेट्रोल पंप पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां व पश्चिम सिंहभूम में है संचालित 147 पेट्रोल पंप संचालित है पूर्वी सिंहभूम में

सामान्य दिनों के आंकड़ों पर एक नजर 421 हजार लीटर प्रतिदिन की पेट्रोल की खपत है कोल्हान में 11028 हजार लीटर प्रतिदिन डीजल की खपत है तीनों जिलों में 4500-5000 लीटर की खपत थी मानगो स्थित भारत पेट्रोलियम की जो अब घटकर 2000-2200 लीटर हो चुकी है औसतन

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