जमशेदपुर के डिमना चौक से पारडीह चौक तक हाइवे ऐसा कि पैदल चलना भी मुश्किल, तीन मिनट की दूरी तय करने में लग जाते एक घंटे

टाटा-रांची राष्ट्रीय उच्चपथ (एनएच-33) पर डिमना चौक से पारडीह चौक तक सड़क नहीं बनी है। यह हाइवे है या पथरीली सड़क पता ही नहीं चलता। पिछले दस साल से इस सड़क की बार-बार मरम्मत होती है लेकिन एक ही बारिश में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 02:30 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 02:30 PM (IST)
जमशेदपुर के डिमना चौक से पारडीह चौक तक हाइवे ऐसा कि पैदल चलना भी मुश्किल, तीन मिनट की दूरी तय करने में लग जाते एक घंटे
जमशेदपुर के डिमना चौक से पारडीह तक के सड़क का हाल

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। टाटा-रांची राष्ट्रीय उच्चपथ (एनएच-33) पर डिमना चौक से पारडीह चौक तक सड़क नहीं बनी है। यह हाइवे है या पथरीली सड़क पता ही नहीं चलता। पिछले दस साल से इस सड़क की बार-बार मरम्मत होती है, लेकिन एक ही बारिश में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं। इस सड़क पर अक्सर दुर्घटना होती है, जिसमें कई बार यह जानलेवा भी साबित हो चुकी है। डिमना चौक से पारडीह चौक तक हाइवे ऐसा कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया।

   तीन किमी की दूरी तय करने में अमूनन लोगों को आधा घंटा लग जा रहा है। बारिश के कारण सड़क में बने गड्ढ़ों में पानी भर गया यहां जाम की स्थिति होती है। जाम होने पर तीन मिनट की सड़क को पार करने में एक घंटा लग जाता है। इस सड़क को लेकर सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन हो चुके हैं, लेकिन नतीजा अब तक शून्य ही रहा। दस वर्ष से लोग इस सड़क को झेल रहे हैं। वर्तमान में हाइवे के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है।

इसकी रफ्तार इतनी धीमी है कि यह कब पूरी होगी पता नहीं। इस सड़क के अगल-बगल में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी है। दुकानदार भी इस परेशानी से अछूते नहीं है। इस सड़क से रोजाना हजारों वाहनों का आवागमन होता है।

बाइक या पैदल चलें तो आपको खाना पड़ेगा धूला

डिमना चौक से पारडीह चौक तक सड़क की ऐसी स्थिति है कि बाइक या पैदल चलें तो आपका धूला खाना ही पड़ेगा। इसके अलावा कोई विकल्प ही नहीं है। भारी वाहनों के चलने के कारण आगे-पीछे कौन गाड़ी आ रही है वह दिखाई ही नहीं पड़ती है। कार्यरत एजेंसी द्वारा पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है। धूल के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। मुख्य सड़्क के दोनों किनारे सड़क ऊंची है कि कोई मुख्य सड़क से नीचे उतर भी नहीं सकता।

हेलमेट नहीं पहनें तो फुटेगा कपार

बाइक सवार या साइकिल सवार इस सड़क में सफर कर रहे हैं तो उन्हें हेलमेट पहनना अनिवार्य है, वर्ना आपका कपार फुटना तय है। इस सड़क के उपर इस तरह से पत्थर बिछे हुए है कि वाहनों के पार होने के दौरान ये पत्थर छिटकते रहते हैं। इसकी शिकायत कई बार स्थानीय प्रशासन को भी की गई, लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं।

तीन किमी की दूरी में बने हैँ 18 गड्ढे

मात्र तीन किमी तक की दूरी में 18 छोटे-बड़े गड्ढे बने हुए है। बारिश होने पर तो यह तालाबनुमा हो जाता है। इन गड्ढ़ों से बारिश के दौरान दो पहिया एवं चार पहिया वाहन हांफते हुए पार करते हैं। कभी टायर फटता है तो कभी एक्सेल टूट जाता है। कारों के इंजन के सामने का निचले हिस्सा भी टूट जाता है। अब कई लोगों ने इस सड़क से जाना ही छोड़ दिया।

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