मंदी की मार से खराब होती जा रही छोटी कंपनियों के अस्थायी मजदूरों की स्थिति Jamshedpur News

मंदी की मार से छोटी कंपनियों के अस्थायी मजदूरों की हालत खराब होती जा रही है। गोविंदपुर की ऑटोमोटिव एक्सल व इम्पीरियल ऑटो कंपनी का हाल खस्ता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 25 Aug 2019 04:24 PM (IST) Updated:Sun, 25 Aug 2019 04:24 PM (IST)
मंदी की मार से खराब होती जा रही छोटी कंपनियों के अस्थायी मजदूरों की स्थिति Jamshedpur News
मंदी की मार से खराब होती जा रही छोटी कंपनियों के अस्थायी मजदूरों की स्थिति Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  मंदी की मार टाटा मोटर्स पर आश्रित छोटी कंपनियों पर अधिक पड़ी है। गोविंदपुर की स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स ने मांग में कमी आने के कारण उत्पादन कम कर दिया है। प्रबंधन ने 1500 से अधिक अस्थायी मजदूर के लिए कंपनी का गेट बंद कर दिया। आर्थिक स्थिति कमजोर होने से मजदूर कभी अपनी किस्मत और बाजार को कोस रहे हैं। 

टाटा मोटर्स की गाडिय़ों व अन्य वाहनों के लिए रिम (व्हील) बनाने वाली स्टील स्ट्रिप्स में महीने में दस दिन ही काम हो रहा है। मांग में कमी होने के कारण कंपनी को पांच से 16 अगस्त तक बंद रखना पड़ा था। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बार फिर प्रबंधन ने 20 से 30 अगस्त तक क्लोजर का निर्णय लिया है।  

टाटा मोटर्स में क्लोजर का सीधा असर

जुलाई में 15 दिन तो जून में दस दिन ही कंपनी खुली रही। टाटा मोटर्स में ब्लॉक-क्लोजर होने का सीधा असर स्टिल स्ट्रिप्स जैसी छोटी कंपनियों पर पड़ा है। जब-जब टाटा मोटर्स में बंदी होती है यहां के मजदूरों को भी काम से बैठा दिया जाता है। टाटा मोटर्स में 20 ब्लॉक- क्लोजर हुआ है ऐसे में यहां भी चालू वित्तीय वर्ष में किसी माह पूरे दिन काम नहीं हुआ है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई मंदी के कारण कंपनी पूरी तरह से प्रभावित है।

पार्टस बनानेवाली कंपनी की हालत और खराब

पार्टाटा मोटर्स को पार्ट्स प्रदान करने वाली गोविंदपुर यूथ इंडिया, इम्पीरियल ऑटो, खखड़ीपाड़ा की ऑटोमोटिव एक्सल आदि कंपनियों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। ऑटोमोटिव में वाहनों के लिए एक्सल, इम्पीरियल ऑटो में वाहनों में लगने वाले एसी के लिए कंपोनेंट, यूथ इंडिया में सीट के पाटर््स आदि सामग्री बनते हैं। इन कंपनियों का उत्पादन आधे से भी कम हो गए हैं। मजदूरों को काम से बैठा दिया गया है तो कुछ कर्मचारियों से ही जरूरत के मुताबिक उत्पादन कार्य कराया जा रहा है। अन्य कई छोटी-बड़ी कंपनियां बंद के कगार पर है।

ट्रासंपोर्टरों की स्थिति गंभीर

टाटा मोटर्स व उनकी इकाइयों के लिए बाहर से पाट्र्स मंगाए जाते हैं। इसे गोविंदपुर व बिरसानगर के गोदामों में रखा जाता है। मंदी की वजह से गोदामों में पाट्र्स आना बंद है। इसका सीधा असर ट्रांसपोर्टरों व गोदाम मालिकों पर पड़ा हैं। इस वजह से ट्रांसपोर्टरों व गोदाम में लगे मजदूरों की नौकरी भी खतरे में हैं।

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