कोल्हान विश्वविद्यालय के घंटी आधारित शिक्षक 28 जनवरी से रांची में करेंगे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन
Kolhan university. कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत पीजी विभाग व विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत लगभग 200 घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ करेंगे। ऑनलाइन बैठक में लिया गया। ये रही पूरी जानकारी।
जमशेदपुर, जासं। कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत पीजी विभाग व विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग 200 घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (धरना-प्रदर्शन) प्रारंभ करेंगे। यह निर्णय शुक्रवार की देर रात ऑनलाइन बैठक में लिया गया।
इसकी जानकारी झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के प्रदेश संरक्षक सह कोल्हान विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष डा. एसके झा ने दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले वर्ष प्रतिपक्ष में रहते हुए वादा किया था कि हमारी सरकार बनने पर घंटी आधारित शिक्षकों की मांग पूरी की जाएगी, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने इस बीच नया संकल्प जारी कर दिया है। इसका विरोध शिक्षकों ने करने का निर्णय लिया है। नए संकल्प के अनुसार घंटी आधारित अनुबंध शिक्षक के पुनर्चयन हेतु नए पैनल के गठन का निर्देश दिया गया है, यह सरासर गलत है। जिसे अविलंब संशोधित करने एवं पूर्व के पैनल (02-03-2017) पर कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को निश्चित मासिक मानदेय के साथ 65 वर्षों की आयु तक सेवा विस्तार करने की मांग सरकार से की गई है।
बैठक में ये शिक्षक रहे मौजूद
बैठक में कोल्हान विश्वविद्यालय सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ की कोर कमिटी सदस्यों में डा. केके कमलेंदु, डा. अवध बिहारी पुराण, डा. प्रशांत खरे, डा. भवेश कुमार, डा. सुरेश कुमार, डा. राजीव कुमार, डा. चंद्रशेखर राय, डा. नीली बहादुर, डा. सोनी सिन्हा, डा. श्वेता शर्मा, डा. कंचन सिन्हा, डा. गोपीनाथ पांडेय, डा. शिप्रा, डा. अन्नपूर्णा झा, डा. नूतन सिंह, डा. रानी, डा. छगन लाल ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री को अपनी मांग के साथ दिया आवेदन
कोल्हान विश्वविद्यालय संघ की सचिव डा. अंजना सिंह ने कहा कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रकाशित होने वाले विज्ञापन पर अविलंब रोक लगाते हुए वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के पैनल का विस्तार 65 वर्षों की आयु तक, निश्चित मासिक मानदेय के साथ किया जाए। तदुपरांत रिक्त पदों पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाय। इन शिक्षकों ने अपनी मांग से सरकार को अवगत करा दिया है। अगर सरकार एक सप्ताह में कोई ठोस पहल नहीं करती है, तो 28 जनवरी से सभी अनुबंध सहायक प्राध्यापक मोराबादी मैदान स्थित गांधी वाटिका के सामने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (धरना-प्रदर्शन) पर चले जाएगें। विश्वविद्यालय का ऑनलाइन पठन-पाठन भी ठप हो जाएगा।