बच्चों के खातों में भेजी जाती है साइकिल की राशि, शिक्षक से मांगा जाता है रसीद

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा झारखंड शिक्षा परियोजना के लगातार फरमान से शिक्षक त्रस्त है। एक तो एक ही कार्य बार-बार हो रहा है। विभाग द्वारा अनावश्यक कार्यो को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत शिक्षकों ने विभाग व संघ के पदाधिकारियों से की है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 09:13 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 09:13 AM (IST)
बच्चों के खातों में भेजी जाती है साइकिल की राशि, शिक्षक से मांगा जाता है रसीद
बिष्टुपुर के धतकीडीह स्थित जिला शिक्षा विभाग का कार्यालय

 जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा झारखंड शिक्षा परियोजना के लगातार फरमान से शिक्षक त्रस्त है। एक तो एक ही कार्य बार-बार हो रहा है। विभाग द्वारा अनावश्यक कार्यो को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत शिक्षकों ने विभाग व संघ के पदाधिकारियों से की है। पदाधिकारियों ने इसकी आलोचना भी की है। साइकिल और पोशाक क्रय को राशि छात्रों के खाते में भेजी जाती है और रसीद शिक्षकों से मांगा जाता है। न देने के कारण उनका वेतन बंद किया जा रहा है। वाट्सएप ग्रुप से बच्चों को जोड़ने का मामला हो या फिर आडिट करने का। एक ही आदेश बार-बार दिया जाता है। एक आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी जारी करते हैं दूसरा आदेश जिला शिक्षा अधीक्षक। 80 प्रतिशत छात्रों के स्मार्ट फोन नहीं है और शिक्षकों को आनलाइन पढ़ाई हेतु वाटसएप ग्रुप में जोड़ने के दवाब बनाया जा रहा है। स्मार्ट फोन नहीं करने के कारण शिक्षकों को मजबूरी में अन्य फोन का नंबर डालकर काम चलाना पड़ रहा है। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों का वेतन रोका जा रहा है। दोपहर तीन बजे विभागीय आदेश जारी होता है और 24 घंटे में वाट्सएप पर रिपोर्ट मांगी जाती है। अत्यधिक कार्य के दबाव में शिक्षक मानसिक डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। उनसे अनेक तरह के गैर शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं। शिक्षकों को कोविड-19 के कार्यकाल में कई तरह के कार्य कराए गए, लेकिन उन्हें कोरोना योद्धा की श्रेणी में नहीं रखा गया। सारा कार्य करने के बावजूद सरकारी चिकित्सा व्यवस्था के भरोसे उन्हें छोड़ दिया जाता है।

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ऐसे ही चलता रहा तो होगा विस्फोट : अरुण कुमार

शिक्षकों की समस्या और अनावश्यक कार्यो को लेकर लगातार दबाव लेकर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि अगर ऐसे ही चलता रहा है तो विस्फोट हो जाएगा। एक समय ऐसा आएगा कि शिक्षक एक साथ सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। इसके लिए संघ के पास आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए कई आवेदन आए है। शिक्षकों के मांग पत्र संघ विचार कर रहा है। इसे लेकर राज्य स्तर पर रणनीति बन रही है।

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