टेल्कॉन यूनियन के सदस्यों को मिलने लगे 2800 से 3100
टाटा हिताची (टेल्कॉन) की मान्यता प्राप्त यूनियन रही टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन के कार्यकारिणी (कमेटी) सदस्यों के बीच यूनियन कोष में बची राशि बंटने लगी है।
जासं, जमशेदपुर : टाटा हिताची (टेल्कॉन) की मान्यता प्राप्त यूनियन रही टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन के कार्यकारिणी (कमेटी) सदस्यों के बीच यूनियन कोष में बची राशि बंटने लगी है। गुरुवार की शाम को कई कर्मचारियों के बैंक खाते में चंदे की राशि चली गई है, जबकि शेष को अगले एक-दो दिन में मिल जाएगी।
यूनियन के महासचिव एसके सिंह ने बताया कि शाम को उन्हें खबर मिली कि यूनियन सदस्यों के बैंक में राशि भेजी जा रही है। इन यूनियन सदस्यों (कर्मचारियों) को 2800 से लेकर 3100 रुपए मिल रहे हैं। गौरतलब हो कि टाटा हिताची प्लांट को खड़गपुर शिफ्ट किया गया है। यहां मात्र कुछ मशीनें ही रह गई हैं जो चालू माह के अंत तक भेज दी जाएंगी। यूनियन के सदस्य भी खड़गपुर शिफ्ट हो गए हैं। अब यहां एक भी कर्मी नहीं है। ऐसे में यूनियन का विघटन हो चुका है। 29 जुलाई को यूनियन की आमसभा कर यूनियन भंग करने व कोष में जमा राशि को सदस्यों के बीच बांटने पर सहमति बनी थी। तय हुआ था कि 30 सितंबर-2018 तक जो भी यूनियन के मेंबर थे उन्हें यूनियन कोष में जमा किए गए चंदे की राशि दी जाएगी। उस समय कर्मचारियों की संख्या 217 थी। इस प्रकार शेष जमा राशि को (217) सदस्यों के बीच बांटी गई है जो अधिकतम 3100 रुपए होगी। श्रम विभाग व अन्य संबंधित विभाग की जानकारी में सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद यह राशि बांटी जा रही है।
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दो फरवरी 2000 में गठित हुई थी यूनियन
30 मार्च 1999 में टाटा मोटर्स से अलग होकर टाटा हिताची एक्सवेटर डिवीजन बनी थी। फिर गोपेश्वर की पहल पर दो फरवरी 2000 में टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन का गठन किया गया। यूनियन का पहला अध्यक्ष स्व. केपी सिंह व महासचिव स्व. गोपेश्वर बने थे। उस समय यूनियन सदस्यों की संख्या करीब 1250 थी।
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'यूनियन का बैंक खाता टेल्को बैंक ऑफ इंडिया में है। बैंक को लिखकर दिया गया था कि सभी सदस्यों (217) के बीच बराबर-बराबर राशि भेजनी है। इस पर अमल करते हुए बैंक ने कंपनी कर्मचारियों के खाते में राशि भेजनी शुरू कर दी है।'
एसके सिंह, यूनियन नेता, टाटा हिताची
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