शिक्षक मनोज, शिक्षिका शिप्रा व सिंपल का नाम राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए अनुशंसित

पुरस्कार के लिए हिंदुस्तान मित्र मंडल मध्य विद्यालय गोलमुरी के गणित शिक्षक मनोज कुमार सिंह टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा माटियाबांधी आंचलिक विद्यापीठ उच्च विद्यालय चाकुलिया की हिंदी शिक्षिका सिंपल शर्मा के नाम की अनुशंसा की गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 05:48 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 07:17 PM (IST)
शिक्षक मनोज, शिक्षिका शिप्रा व सिंपल का नाम राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए अनुशंसित
नामों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए जिला स्तरीय नामों के चयन के लिए चयन समिति की बैठक जिला शिक्षा पदाधिकारी एसडी तिग्गा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें जिला शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्ष्क विनीत कुमार, एपीओ अखिलेश कुमार, उपायुक्त के प्रतिनिधि के रूप में डा. तुमेन अहमद उपस्थित थे। राज्य प्रतिनिधि के रूप में डा. अभिनव कुमार ऑनलाइन शामिल हुए। इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए गठित राज्य स्रतीय समिति के पास भेजने के लिए तीन शिक्षकों के नाम की अनुशंसा की गई।

इस पुरस्कार के लिए हिंदुस्तान मित्र मंडल मध्य विद्यालय गोलमुरी के गणित शिक्षक मनोज कुमार सिंह, टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा, माटियाबांधी आंचलिक विद्यापीठ उच्च विद्यालय चाकुलिया की हिंदी शिक्षिका सिंपल शर्मा के नाम की अनुशंसा की गई है। इनके नामों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इसके लिए 14 शिक्षकों ने आवेदन दिए थे। सारे जिलों द्वारा अनुशंसित शिक्षकों के नामों पर राज्य स्रतीय समिति विचार करेगी। इसके बाद झारखंड से तीन नाम राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए नई दिल्ली भेजा जाएगा।

शिप्रा ने शारीरिक बेल्ट, डाटा बैंक, ई-मैगजीन समेत किए कई नवाचार

टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा की विज्ञान शिक्षिका शिप्रा मिश्रा छात्रों एवं शिक्षा विभाग में काफी लाेकप्रिय है। उन्होंने कई तरह के नवाचार किए। बच्चों को मागदर्शन देकर सारे कार्य करवाएं। विज्ञान एवं कंप्यूटर के प्रति छात्रों में दिलचस्पी पैदा कर स्कूल को राज्य के मानचित्र पर ला खड़ा कर दिया। शिप्रा ने शारीरिक बेल्ट दूरी का निर्माण करवाया, छात्र संसद के माध्यम ई-मैगजीन बनवाई। ऑनलाइन क्लास में दिक्कत न हो इसके लिए स्कूल में शिक्षकों के सहयोग से डाटा बैंक का निर्माण करवाया। स्कूल के बच्चों ने सैनिटाइजर स्टैंड व सैनिटाइजर का निर्माण कर इसे विभिन्न संस्थाओं को बेचा। पारिवारिक समस्याओं का समाधान करते हुए विज्ञान की थीम को बरकरार रखते हुए कंप्यूटर तकनीक के बारे में जानकारी दी। विद्यालय में स्थापित आइसीटी लैब के माध्यम से बच्चे पढ़ने लगे। कंप्यूटर में दक्षता हासिल करते हुए स्कूल का वेबसाइट भी इस शिक्षिका के मागदर्शन में छात्रों ने बनाया। सिर्फ यहीं माहवारी जागरुकता के लिए स्कूल में इनर व्हील क्लब के सहयोग से मेंसुरेसन हेल्थ एंड हाइजिन लैब (एमएचएम) सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए का गठन किया। छात्राओं ने माहवारी को सामाजिक जागरुकता के लिए अभियान भी चलाया। इस विज्ञान शिक्षिका के मागदर्शन में स्कूल के बच्चे अपने जीवन तथा स्कूल में बदलाव ला रहे हैं।

हिंदी विषय को रुचिकर बनाने के लिए किया चित्रों का प्रयोग

माटियाबांधी आंचलिक विद्यापीठ उच्च विद्यालय चाकुलिया की हिंदी शिक्षिका सिंपल शर्मा ने अपने विषय को रुचिकर बनाने के लिए चित्रों का प्रयोग किया। इसके माध्यम से मनोरंजक तरीके से इस विषय को पढ़ा रही है। लॉकडाउन के दौरान जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उन्हें नोट्स उनके घर जाकर उपलब्ध करवाया। यू-ट्यूब के माध्यम से कक्षाओं का संचालन करवाया। डिजी साथ को पूर्ण रूप से उपयोग किया तथा इसे और स्मार्ट बनाया। इस कारण उन्हें राज्य स्तर पर भी शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया था। उन्होंने अपना यू-ट्यूब चैनल सिंपल शर्मा प्रारंभ किया। इसमें सारे पठनीय सामग्री है। उनका प्रयास रहा है कि डिस्टेंस एजुकेशन में किसी तरह की कोई परेशानी छात्रों और अभिभावकों को न हो। अपने वाट्सएप ग्रुप में उन्होंने 200 अभिभावकों को जोड़कर कर रखा है। यू-ट्यूब की सामग्रियों का उपयोग छात्र शत प्रतिशत कर रहे हैं। अगर किसी के पास मोबाइल का डाटा भरने के लिए पैसे नहीं है तो वह बच्चों को अपने निजी खर्च से डाटा भर देती है। पठनीय कंटेंट को छोटा बनाने का प्रयास किया।

मनोज ने अपने कमरे को डिजीटल क्लास रूम में किया तब्दील, जेसीइआरटी को भेजते हैं कंटेंट

हिंदुस्तान मित्र मंडल मध्य विद्यालय गोलमुरी के गणित विषय के शिक्षक मनोज कुमार सिंह वैश्विक महामारी कोरोना काल में लगातार ऑनलाइन क्लास का संचालन कर बच्चों के शिक्षण कार्य को लगातार पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। कला आधारित शिक्षा देने में इस शिक्षक का योगदान सराहनीय है। इस कारण झारखंड शैक्षिक अनुसंधान परिषद इनका चयन गणित के राज्य स्तरीय कंटेट भी बनवाने के लिए करती है। वे कला आधारित शिक्षा, टॉय बेस्ड एक्टिविटी, इनोवेटिव टीचिंग के माध्यम बच्चों को सरल माध्यम से पढ़ाते हैं। ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को उन्होंने रुचिकर बना दिया है। अपने घर में के एक कमरे को क्लास रूम में तब्दील कर दिए हैं जिसमे व्हाइट बोर्ड के साथ सारे जरूरी डिजिटल उपकरण , कंप्यूटर, कैमरा, ट्राइपॉड स्टैंड, माइक, हेडफोन, बड़ा एलईडी स्क्रीन उपलब्ध है। झारखंड सरकार का शिक्षा विभाग जेसीइआरटी डीजी स्कूल एप्प के माध्यम से ई कंटेंट पूरे झारखंड के सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों तक पहुचाने का प्रयास कर रही हैं। वे जेसीइअारटी के ई कंटेन्ट डेवलपमेंट टीम के सदस्य हैं। उनका अपना यू-ट्यूब चैनल क्रियेटिव लर्निंग विथ मनोज हैं। इसमें सारे पाठ्यक्रम को अपलोड कर वे लिंक जेसीइआरटी को भेज देते हैं। उनके बनाये गए ई कंटेंट को डिजी स्कूल के पोर्टल से लगातार प्रसारित किया जा रहा है । झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग एवं जेसीआरटी के द्वारा वर्ग एक से 12वीं तक की बच्चों के लिए डीजी स्कूल एप का निर्माण किया गया है।

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