टाटानगर माल गोदाम की सड़क जर्जर, तीन फीट गड्ढोंं में धंस जाते हैं ट्रकों के पहिए

टाटानगर माल गोदाम में प्रतिदिन 80 से ज्यादा ट्रकों का आना-जाना होता है। तीन-तीन फीट गड्ढे माल गोदाम में बने हुए है। जिसमें ट्रक का पूरा पहिया समा जाता है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:03 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 08:03 PM (IST)
टाटानगर माल गोदाम की सड़क जर्जर, तीन फीट गड्ढोंं में धंस जाते हैं ट्रकों के पहिए
टाटानगर माल गोदाम की सड़क जर्जर, तीन फीट गड्ढोंं में धंस जाते हैं ट्रकों के पहिए

जमशेदपुर (जासं) । टाटानगर माल गोदाम की स्थिति नरक से भी बदतर हो गई है। माल गोदाम परिसर में बड़े बड़े गड्ढे बन चुके हैं। इनमें बरसात का पानी भरा हुआ है। मिट्टी व बरसात का पानी दोनों मिलकर माल गोदाम कीचड़ से लबालब हो गया है। इस माल गोदाम से रेलवे को प्रतिमाह लाखों रुपये की आमदनी होती है बावजूद इसके माल गोदाम की स्थित बद से बदतर होती जा रही है। यहां प्रतिदिन 80 से ज्यादा ट्रकों का आना-जाना इस गोदाम में होता है। तीन-तीन फीट गड्ढे माल गोदाम में बने हुए है। ट्रक का पूरा पहिया ही इस गड्ढे में घुस जा रहा है। बर्मामाइंस के तेल डिपो के पास से माल गोदाम तक जाने वाले रास्ते की स्थिति भी खराब है। इन रास्तों में कई जगह पानी का जमाव है। इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए है। जहां से गुजरना भी मौत को दावत देना है।

इस पूरे मामले को दैनिक जागरण ने 26 जून के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसे रेलवे ने गंभीरता से लिए और मामले का निरीक्षण करने के लिए चक्रधरपुर मंडल के एडीआरएम वीके सिंह, एरिया मैनेजर विकास कुमार सहित अन्य रेल अधिकारी माल गोदाम गुरुवार को पहुंचे। निरीक्षण के दौरान पाया कि माल गोदाम की स्थित सच में जर्जर है। माल गोदाम परिसर कीचड़ से लतपथ है। जान जोखिम में डालकर ट्रक चालक व खलासी माल लोड कर ट्रक को कीचड़ व गड्ढों के बीच से किसी रह माल गोदाम से बाहर निकालते है। निरीक्षण के बाद माल गोदाम की मरम्मत का निर्देश एडीआरएम ने दिया है। अब जल्द ही माल गोदाम का शेड व परिसर के गड्ढों को भरा जाएगा। ताकि ट्रक के आवागमन में परेशानी नहीं हो। 

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