टाटानगर रेलवे अस्पतालः तीन सप्ताह से खराब 50 लाख का जेनरेटर, बिजली के भरोसे चल रही इमरजेंसी Jamshedpur News
यही नहीं लगभग 50 लाख की लागत से छह माह पहले लगाया गया जेनरेटर तीन सप्ताह से खराब है। लेकिन इसकी मरम्मत की तरफ भी किसी का कोई ध्यान नही है।
जमशेदपुर (जासं)। टाटानगर रेलवे अस्पताल का इमरजेंसी विभाग बिजली के भरोसे चल रहा है। लगभग 50 लाख की लागत से छह माह पहले लगाया गया जेनरेटर तीन सप्ताह से खराब है। लेकिन इसकी मरम्मत की तरफ भी किसी का कोई ध्यान नही है। लिहाजा जेनरेटर के खराब होने से अस्पताल में बिजली कटने के बाद पूरी तरह से अंधेरा पसर जाता है। अस्पताल के ओपीडी व इमरजेंसी में अंधेरा होने के कारण मरीजों के इलाज में भी परेशानी होती है। यही नहीं 60 लाख की लागत से लगाया गया सेंट्रल कूलिंग सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है।
प्रतिदिन दो से तीन घंटे कटती ही बिजली
टाटानगर रेलवे अस्पताल में प्रतिदिन दो से तीन घंटे बिजली कटने लगी है। बिजली कटने के बाद अस्पताल में जेनरेटर को शुरु किया जाता था। लेकिन जेनरेटर के खराब होने के कारण अब बिजली कटने के बाद उसके आने का इंतजार रेलवे अस्पताल कर्मचारी व डाक्टरों द्वारा किया जाता है। इसकी शिकायत कई बार वरीय अधिकारियों से की गई। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
सेंट्रल कूूूूूूलिंग सिस्टम में कूूूूूूलिंग का पता नहीं
टाटानगर रेलवे अस्पताल में सेंट्रल कूलिंग सिस्टम लगाया गया। इसके लिए एक स्थान पर बड़े बड़े कूलर लगाए गए है और उस कूलर से सेंट्रल सिस्टम के तहत अस्पताल के प्रत्येक ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, सहित अन्य विभागों में इस सेंट्रल सिस्टम की वायरिंग की गई है। एक स्थान से कूलर के शुरु होने पर सेंट्रल सिस्टम के माध्यम से हवा के साथ कूूूूूूलिंग पूरे अस्पताल के प्रत्येक ओपीडी सहित सभी विभागों में पहुंचता था। लेकिन महीनों से अस्पताल में कूूूूूूलिंग सिस्टम में सिर्फ कूलर की हवा ही आ रही है इसमें पानी नहीं चल रहा है। इससे कूूूूूूलिंग सिस्टम काम ही नहीं कर रहा है।