Tata Steel का इंट्रानेट ठप, टीएमएच समेत कई विभागों का काम प्रभावित
Tata Steels Intranet.कंपनी के सभी आंतरिक कामकाज सहित डिस्पैच का काम भी इंट्रानेट के माध्यम से ही होता है। टाटा स्टील में कार्यरत कर्मचारियों के अनुसार कंपनी के इंटरनल सर्वर पर रैंडसमवेयर वायरस आया है जिसके बाद से ही पूरा सिस्टम काम करना बंद कर दिया है।
जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील का इंटरनल सर्वर व इंट्रानेट बुधवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे से ठप हो गया। हालांकि, कंपनी प्रबंधन ने किसी तरह के साइबर अटैक से इंकार किया है। टाटा स्टील का अपना आंतरिक (इंटरनल) सर्वर व इंट्रानेट है जिसके माध्यम से दिन-प्रतिदिन के कई तरह के काम होते हैं।
इसमें कंपनी में कार्यरत एक-एक कर्मचरियों का पूरा डाटा बेस उनके इंटरनल सर्वर में सुरक्षित रहता है, जिसे साइट्रिक्स भी कहा जाता है। इसके अलावे कंपनी के सभी आंतरिक कामकाज सहित डिस्पैच का काम भी इंट्रानेट के माध्यम से ही होता है। टाटा स्टील में कार्यरत कर्मचारियों के अनुसार कंपनी के इंटरनल सर्वर पर रैंडसमवेयर वायरस आया है जिसके बाद से ही पूरा सिस्टम काम करना बंद कर दिया है। दोपहर लगभग एक बजे तक कंपनी का पूरा सिस्टम ठप रहा। यहां तक कि टीएमएच विश्वास के माध्यम से होने वाले कामकाज भी बंद रहे। बाद में कंपनी प्रबंधन की ओर से प्रॉक्सी सर्वर के माध्यम से कुछ कामकाज शुरू किया गया, लेकिन थोड़ी देर बाद वह भी ठप हो गया। माना जा रहा है कि सिस्टम ठप होने से कंपनी को एक दिन में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही जरूरी डिजिटल दस्तावेज के चोरी होने का भी अंदेशा लगाया जा रहा है।
वर्ष 2019 में लाॅकडाउड में हुआ माइग्रेट
टाटा स्टील ने वर्ष 2019 में ही लाॅकडाउड के साथ अपने सर्वर को माइग्रेट किया है। इसके बाद सभी कामकाज क्लाउड के माध्यम से ही किए जाते हैं। चर्चा है कि कोई अनवांटेड वायरस इसी के माध्यम से सिस्टम में दाखिल हुआ है।
डिस्पैच का काम रुका
टाटा स्टील के सर्वर के माध्यम से ही डिस्पैच का काम होता है। लेकिन बुधवार सुबह से यह भी बंद हो गया है। क्योंकि क्लाउड में ही सभी विभागीय चीफ के डिजिटल हस्ताक्षर हैं। सिस्टम ठप होने के कारण डिजिटल हस्ताक्षर नहीं मिलने से डिस्पैच का काम नहीं चल पा रहा है।
ऐसे अंदर घुसा होगा वायरस
कंपनी के अधिकारी कयास लगा रहे हैं कि वर्तमान में कोविड 19 के कारण देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में कई अधिकारी वर्क फ्रॉम होम के तहत अपने घर से ही काम कर रहे हैं। इन्हें साइट्रिक्स सिस्टम के माध्यम से कंपनी के बाहर के सर्वर से काम करने के लिए लॉग इन आइडी व पासवर्ड दिए गए हैं। माना जा रहा है कि यदि किसी ने अपने मोबाइल के वाई-फाई से अपने लैपटॉप को संचालित कर रहे हैं और वाई-फाई में पासवर्ड नहीं है तो कोई हैकर उसके माध्यम से पहले कर्मचारी के सिस्टम को हैक किया। फिर इसके बाद कंपनी के इंटरनल सर्वर में वायरस घुस गया है।