टाटा स्टील ने कच्चे माल की ढुलाई के लिए पहली बार बायो र्ईंधन चलित जहाज का किया उपयोग
समुद्री व्यापार में स्कोप-3 ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए टाटा स्टील ने पहली बार बायो ईंधन चलित मालवाहक पानी के जहाज का उपयोग किया।
जासं, जमशेदपुर : समुद्री व्यापार में स्कोप-3 ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए टाटा स्टील ने पहली बार बायो ईंधन चलित मालवाहक पानी के जहाज का उपयोग किया। फ्रंटियर स्काई नाम के यह मालवाहक एनवाईके कंपनी की है और इसे टाटा एनवाईके शिपिग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित है।
टाटा स्टील ने कच्चे माल की ढुलाई के लिए समुद्री जहाज में बायो ईधन के इस्तेमाल का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया था। इस यात्रा में आस्ट्रेलिया के ग्लैडस्टोन से 1.60 लाख टन कोयला को देश के धामरा पोर्ट तक लाया गया था। टाटा स्टील प्रबंधन का कहना है कि हमारा उद्देश्य समुद्री परिवहन में ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करना और बायो ईंधन का उपयोग समुद्री परिवहन में करना है। इस परीक्षण यात्रा से मिली जानकारी को तीन कंपनियों के साथ भी साझा किया जाएगा ताकि डि-कार्बोनाइजेश की दिशा में पहल की जा सके। इससे पहले इसी वर्ष टाटा स्टील ने वैश्विक समुद्री परिवहन समूह मित्सुई ओएसके लाइंस के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। समुद्री व्यापार में स्कोप-3 ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए सी कार्गो चार्टर दुनिया की पहली स्टील उत्पादक कंपनी बनी।
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टाटा स्टील द्वारा बायो गैस के परीक्षण से यह साबित होता है कि हम एक कंपनी के रूप में स्कोप-3 स्तर के ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए पहल कर रहे हैं। परीक्षण से प्राप्त नतीजों को हमने तीन पार्टनर के ऑपरेशन पर साझा किया है। इस पहल में सभी के इनोवेशन और सहभागिता काफी कारगर रही।
-पीयूष गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट, सप्लाई चेन