टाटा स्टील के सिक्योरिटी विभाग से 64 कर्मचारी सरप्लस, क्रेन ऑपरेटर की ट्रेनिंग मिलेगी

टाटा स्टील में पहली जुलाई से सरप्लस कर्मचारियों को क्रेन ऑपरेटर की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। वर्तमान में 342 कर्मचारी कार्यरत थे। चार वर्षो में 270 दिन अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों को सरप्लस किया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 10:01 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 10:01 AM (IST)
टाटा स्टील के सिक्योरिटी विभाग से 64 कर्मचारी सरप्लस, क्रेन ऑपरेटर की ट्रेनिंग मिलेगी
टाटा स्टील के सिक्योरिटी विभाग में अब तक 342 कर्मचारी कार्यरत थे।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा स्टील, सिक्योरिटी विभाग में कुल 64 कर्मचारियों को पहली जुलाई से सरप्लस कर उन्हें कैपाबिलिटी विभाग भेजा गया है। जहां उन्हें क्रेन ऑपरेटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें पहली सूची में 30 जबकि दूसरी सूची में सरप्लस होने वाले 34 कर्मचारियों का नाम शामिल है। टाटा स्टील के सिक्योरिटी विभाग में अब तक 342 कर्मचारी कार्यरत थे। इसमें से 64 कर्मचारियों को सरप्लस किया गया है। लेकिन कर्मचारियों का आरोप है कि सरप्लस का आधार क्या है, इसे स्पष्ट नहीं किया जा रहा है।

कुछ कर्मचारियों का कहना है कि चार वर्षों में जिन कर्मचारियों ने 270 दिन से अधिक अनुपस्थित (विद आउट पे या बिना सूचना के छुट्टी लेने वाले) रहने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिया जाता है। सरप्लस में 30 कर्मचारियों को इसी आधार से चुना गया है। वहीं, शेष 34 में जूनियर कर्मचारियों को शामिल किया गया है। जबकि आंतरिक प्रमोशन में स्टील वेज व एनएस ग्रेड के कर्मचारियों को एक अनुपात एक के आधार पर चयन किया जाता है जबकि सरप्लस में पुराने ग्रेड के सभी कर्मचारियों को बचा लिया गया है। ऐसे में विभागीय कमेटी मेंबरों द्वारा बनाई गई सूची की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकि उन्हें बचाने का परिणाम दूसरे कर्मचारियों को सरप्लस होकर भुगतना पड़ रहा है। इनमें कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जिन्हें सत्ता पक्ष से नजदीकी होने का लाभ मिल रहा है। इस पूरे मामले में टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

चुनाव के कारण रोक दी गई थी सूची

सिक्योरिटी विभाग में 18 जनवरी 2021 को ही सरप्लस की सूची का प्रकाशन होना था लेकिन टाटा वर्कर्स यूनियन में 31 जनवरी 2021 में चुनाव होना था। इसलिए सरप्लस सूची पर विभागीय कमेटी मेंबरों ने रोक लगवा दी थी ताकि उनका चुनावी समीकरण नहीं बिगड़े। लेकिन नए ग्रेड के कर्मचारियों को पता नहीं था कि उनके कई साथियों को सरप्लस कर दिया गया है। ग्लोबल चुनाव में अब उनके लिए परेशानी आएगी।

बिजनेस की जरूरत के लिए जरूरी

सरप्लस होने वाले सभी कर्मचारियों को सिक्योरिटी एंड ब्रांड प्रोटेक्शन चीफ के नाम से एक-एक पत्र दिया गया है। जिसमें उन्हें बताया गया है कि बिजनेस की जरूरत को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को सरप्लस किया जा रहा है।

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