टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड अपनी फेरो क्रोम क्षमता को करेगी दोगुना, जाने क्या है खास तैयारी

Tata Steel Mining Limited टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड ने वर्ष 2020 में खनिज नीलामियों में तीन क्रोमाइट माइंस का अधिग्रहण किया है। इसमें सुकिंदा क्रोमाइट माइंस सरूआबिल क्रोमाइट माइंस व कमरदा क्रोमाइट माइंस शामिल है। जिसे सरकार से कंपनी को अगले 50 वर्षो के लिए लीज पर मिला है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 05:05 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 05:05 PM (IST)
टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड अपनी फेरो क्रोम क्षमता को करेगी दोगुना, जाने क्या है खास तैयारी
कंपनी अपनी क्षमता को दोगुना कर 900,000 टन प्रतिवर्ष करने की योजना बना रही है।

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील लिमिटेड की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (टीएसएमएल, पूर्व में टीएस एलॉयज लिमिटेड) है। भारत में कंपनी प्रतिवर्ष 450,000 टन फेरो क्रोम का उत्पादन करती है लेकिन निकट भविष्य में कंपनी अपनी क्षमता को दोगुना कर 900,000 टन प्रतिवर्ष करने की योजना बना रही है।

टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड ने वर्ष 2020 में खनिज नीलामियों में तीन क्रोमाइट माइंस का अधिग्रहण किया है। इसमें सुकिंदा क्रोमाइट माइंस, सरूआबिल क्रोमाइट माइंस व कमरदा क्रोमाइट माइंस शामिल है। जिसे सरकार से कंपनी को अगले 50 वर्षो के लिए लीज पर मिला है। ये खदाने अब 1.5 मिलियन टन से अधिक की वार्षिक क्षमता के साथ शुरू की गई है। जिसमें कंपनी भारत में क्रोम अयस्क खनन में सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। क्षमता वृद्धि की इस पहल के पीछे फेरो क्रोम बनाने के लिए क्रोमाइट अयस्क का आधुनिक रूप से उपयोग करना ताकि स्टेनलेस स्टील निर्माण के क्षेत्र में टाटा स्टील पूरे भारतीय सहित वैश्विक बाजारों में अपनी आपूर्ति को बेहतर कर सके।

उत्पादन बढ़ाने को ऑर्गेनिक व नॉन ऑर्गेनिक तरीके अपनाएंगे

उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (रॉ मटेरियल्स) सह टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड के चेयरपर्सनल डीबी सुंदर रामम का कहना है कि हम भारत में अच्छी गुणवत्ता वाले क्रोम अयस्क हैं। हम फेरो क्रोम विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक व नॉन ऑर्गेनिक, दोनो तरह के तरीके अपनाएंगे। उत्पादन बढ़ने से हम देश में फेरो क्रोम के सबसे बड़े उत्पादक कंपनी बन जाएंगे। साथ ही वैश्विक स्तर पर हमारा स्थान शीर्ष पांच कंपनियों में होगा। उत्पादन लागत कम करने के लिए हम अपना ध्यान केंद्रित करते हुए क्रोम अयस्क को फेरो क्रोम में बदलने की दिशा में हम एक रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं।

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