टाटा स्टील के एमडी नरेंद्रन बोले, आर्थिक गतिविधियों को Unlock करने की जरूरत, तभी सुधरेगी डिमांड व सप्लाई

टाटा स्टील के मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन ने कहा कि कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधयों को अनलॉक करने की जरूरत है। इससे डिमांड व सप्लाई में बढ़ोतरी होगी। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही जरूरी है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:00 AM (IST)
टाटा स्टील के एमडी नरेंद्रन बोले, आर्थिक गतिविधियों को Unlock करने की जरूरत, तभी सुधरेगी डिमांड व सप्लाई
टाटा स्टील के एमडी नरेंद्रन बोले, आर्थिक गतिविधियों को Unlock करने की जरूरत

जासं, जमशेदपुर : कोविड 19 के सेकेंड वेव का प्रकोप कम हो चुका है। कई राज्य में संक्रमण का दर भी कम हो चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार कोविड 19 गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति देने की जरूरत है।

डिमांड व सप्लाई बढ़ने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे

कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) के नए चेयरमैन सह टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान ये बातें कहीं। बकौल नरेंद्रन, देश में तीसरी लहर को लेकर हमें अब भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि सामाजिक गतिविधियों पर रोक जारी रहे क्योंकि इसके लिए हम इंतजार कर सकते हैं लेकिन आपूर्ति श्रृंखला को तत्काल खोलने की जरूरत है जो सीधे हमारी अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इससे रोजगार के अवसर भी खुलेंगे इसलिए हमें अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए विकास कार्यो को पुर्नजीवित करना होगा। ऐसे में पहले पूरी सतर्कता के साथ आर्थिक गतिविधियों को अनलॉक करने की जरूरत है। क्योंकि अप्रैल व मई माह में लॉकडाउन होने से डिमांड व सप्लाई काफी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में आई कमी से जीएसटी भी प्रभावित हुआ है।

दिसंबर 2021 तक सभी व्यस्कों को मिले वैक्सीन

टीवी नरेंद्रन ने अपने संबोधन वैक्सीन ड्राइव पर जोर दिया। कहा कि दिसंबर 2021 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी नागरिकों को वैक्सीन लगे। इसके लिए जरूरी है कि हर दिन औसतन 71.2 लाख लोगों को वैक्सीन दिया जाए। इसके लिए काफी तैयारी की जरूरत है। साथ ही वैक्सीन के उत्पादन को भी बढ़ाने की जरूरत है। हमें खुशी है कि देश भर में वैक्सीन को लेकर जागरूकता बढ़ी है।

अचानक हुए लॉकडाउन से हुआ नुकसान

टीवी नरेंद्रन का कहना है कि आर्थिक दृष्टिकोण से देखे तो पिछला साल अधिक गंभीर था। अचानक लॉकडाउन होने से वैश्विक स्तर पर सबकुछ बंद हो गए। किसी को भी यह पता नहीं था कि हम कब इस स्थिति से बाहर निकलेंगे। तब वैक्सीन के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। लेकिन दूसरे वेव में स्थिति थोड़ी बेहतर रही। एक बड़ी आबादी को वैक्सीन दिए जा रहे थे। अमेरिका जैसे देश 18 माह पहले महामारी स्थिति की स्थिति में वापसी करने की उम्मीद है जबकि चीन पहले ही उस स्थिति पर पहुंच चुका है। वैश्विक स्तर पर कुछ चीजें बेहतर हुई है ऐसे में हमें भी इस दिशा में पहल करने की जरूरत है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में हुआ सुधार, विकास दर 9.5 रहने की उम्मीद

टीवी नरेंद्रन का कहना है कि पहले वेव की तुलना में दूसरे वेव में श्रमिकों का पालन देखने को नहीं मिला। क्योंकि वापस लौटने वाले ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं। इसके कारण पिछले साल जुलाई-अगस्त माह में ग्रामीण बाजाारों में तेजी देखी गई थी। हमें उम्मीद है कि यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। विशेषज्ञ भविष्यवाणी कर रहे हैं कि कृषि विकास दर 3.5 प्रतिशत रहेगा। हम आशावादी हैं और उम्मीद है कि देश का विकास दर 9.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

एक सवाल के जवाब में टीवी नरेंद्रन ने कहा कि कोविड के कारण कई क्षेत्रों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ा। लेकिन बाजार में डिमांड बढ़ने के साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। अधिकतर स्टील निर्माता कंपनियाें ने अपने विस्तारीकरण योजनाओं को मंजूरी दी है। हालांकि कोविड के कारण हॉस्पिटालिटी, विमानन, खुदरा, एमएसएमई सेक्टर को काफी नुकसान हुआ था लेकिन बाजार खुलने के साथ ही इन्हीं क्षेत्रों में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इस साल बजट में केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में जो राशि खर्च करने की घोषणा की है, वह काफी महत्वपूर्ण है। जरूरी है कि इसके लिए सरकार योजना बनाए और उस पैसे को खर्च करे। जब देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में काम होगा तो बुनियादी ढ़ांचा भी मजबूत होगा और कंपनियों में प्रतिस्पर्धा भी आएंगी। इससे मांग भी बढ़ेगी और राेजागर के अवसर भी खुलेंगे।

कंपनियों सरकार के साथ कर रही है मिलकर काम

एक सवाल के जवाब में टीवी नरेंद्रन ने कहा कि कोविड 19 जैसी महामारी आने पर कई कंपनियों ने सरकार के साथ मिलकर काम किया। कंपनियों ने देश में आक्सीजन की किल्लत को कम करने का प्रयास करते हुए पहल की। इसके अलावा कई कंपनियां देश के विभिन्न क्षेत्रों में कोविड केयर सेंटर, आक्सीजन जनरेशन प्लांट सहित वैक्सीन सेंटर का भी निर्माण करने में मदद कर रही है।

भारतीय स्टील दुनिया में अब भी सस्ती

एक सवाल के जवाब में टीवी नरेंद्रन ने कहा कि एमएसएमई व इंजीनियरिंग सेक्टर स्टील की बढ़ी कीमतों से चिंतित है। क्योंकि इसके कारण कीमतों में अस्थिरता से उत्पादकों और उपभोक्ताओं को नुकसान हो रहा है। वे इससे परिचत हैं लेकिन भारतीय स्टील की कीमतें अब भी दुनिया में काफी सस्ती है।

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