Tata Steel में एपेक्स एथिक्स एवं एथिक्स कमेटी गठित, ये रही पूरी जानकारी
Tata Steel Apex Ethics Committee टाटा स्टील में एपेक्स एथिक्स कमेटी और एथिक्स कमेटी का पुनर्गठन किया गया है। टाटा स्टील के ग्लोबल सीइओ सह प्रबंध निदेशक टीवी नरेंदन अपेक्स एथिक्स कमेटी के तथा उपाध्यक्ष अवनीश गुप्ता एथिक्स कमेटी के चेयरपर्सन होंगे।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा स्टील में एपेक्स एथिक्स कमेटी और एथिक्स कमेटी का पुनर्गठन किया गया है। टाटा स्टील के ग्लोबल सीइओ सह प्रबंध निदेशक टीवी नरेंदन अपेक्स एथिक्स कमेटी के तथा उपाध्यक्ष अवनीश गुप्ता एथिक्स कमेटी के चेयरपर्सन होंगे। इस संबंध में टीवी नरेंद्रन के हस्ताक्षर से जारी सर्कुलर एक अक्टूबर से प्रभावी होगा।
अपेक्स एथिक्स कमेटी में एमडी के अलावा सदस्य के रूप में सीएफओ एंड इडी कौशिक चटर्जी, अवनीश गुप्ता, प्रभात कुमार तथा सोनी को कन्वेनर मनोनीत किया गया है। इसके अलावा एथिक्स कमेटी में अवनीश गुप्ता के अलावा चैतन्य भानु, मणिकांत झा, डीबी सुंदरा रमण, प्रभात कुमार, संजीव नंदा, पीयूष गुप्ता तथा सोनी को शामिल किया गया है।
टीएसबीएसएल के सीओओ बने सुबोध पांडेय
टाटा स्टील अपने कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में कंपनी के ग्लोबल सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन के हस्ताक्षर से मंगलवार को कंपनी के इंट्रानेट पर एक सर्कुलर जारी कर एपेक्स डिजिटल एंड टेक्नोलॉजी सेफ्टी सब कमेटी का गठन किया है जिसका चेयरपर्सन टीएसबीएसएल के सीओओ सुबोध पांडेय को बनाया गया है। इस कमेटी में 42 अधिकारियों को शामिल किया गया है। साथ ही चेयरपर्सन को यह अधिकार दिया गया है कि वे जरूरत के अनुसार कंपनी के इंडिया लोकेशन के किसी अधिकारी व कर्मचारी को शामिल कर सकते हैं। यह सब कमेटी दो स्तरों पर काम करेगी
पहले स्तर पर कैपेबिलिटी डेवलपमेंट
इसके तहत डिजिटल इंटरवेंशन इंप्रूविंग डिजिटल कैपिबिलिटीए कंपनी के उन संभावित स्थानों पर रोबोटिक्स का उपयोग करना जहां दुर्घटना की संभावना सबसे अधिक रहती है। वर्कफोर्स को नए पहल से जोड़ना तथा कार्यस्थल पर होने वाले संभावित दुर्घटनाओं का आकलन करना है। यह कमेटी महीने में एक बार मीटिंग कर सुरक्षा मानकों के लिए किए गए उपाय की समीक्षा और जहां चूक होगी वहां तत्परता से लागू करने के लिए पहल करेगी।
निबंधित संघ ने वरीयता क्रम के अनुसार बहाली की उठाई मांग
टिस्को निबंधित श्रमिक संघ की बैठक मंगलवार को धरना स्थल टाटा वर्कर्स यूनियन गेट के समक्ष रंजीत दास की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निबंधित आश्रितों ने निर्णय लिया कि अब सभी निबंधित अपने अपने रजिस्ट्रेशन स्लीप की छाया प्रति के साथ एक पत्र लिखकर टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष को देकर उनसे कम्पनी में नियोजन की मांग करेंगे क्योंकि नियोजन पर उनका हक पहले बनता है। वे वरीयताक्रम में भी हैं। वहीं 42 वर्ष से कम उम्र वालों का बाद में बनता है पर वर्तमान में टाटा स्टील अपने ही पूर्व में किए गए समझौते का पालन नहीं कर रही है। निबंधित आश्रित वर्षों से वरीयता से नियोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने अपनी समस्याओं का समाधान करने की मांग की। उसके लिए पूर्व में ही यूनियन के अध्यक्ष से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा गया है पर अभी तक यूनियन ने इस समस्या का समाधान नहीं किया है। बैठक में कहा गया कि निबंधित आश्रितों को परीक्षा के जाल में फंसाया जा रहा है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन इस बहाली में झूठा आंकड़ा दे रही है क्योंकि 42 वर्ष से नीचे के केवल 4000 तक ही वैध निबंधितों ने फॉर्म भरा है। बैठक में अरुण आचार्या संजय महंती, रंजीत दास, टिंकू साहू अशोक तिवारी, राकेश सिंह, अरुप भट्टाचार्य सहित अन्य निबंधित आश्रित मौजूद थे।