टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखन ने लिखा कर्मचारियों के नाम पत्र, जाने क्या है खास

Tata Sons chairman write letter to employees. टाटा संस के चेयरमैन हमेशा नववर्ष के शुभ अवसर पर अपने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पत्र जारी करते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार है जब साल के अंत में कर्मचारियों के नाम एक पत्र जारी किया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 12:49 PM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 01:28 PM (IST)
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखन ने लिखा कर्मचारियों के नाम पत्र, जाने क्या है खास
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन। फाइल फोटो

जमशेदपुर, जासं।  टाटा संस के चेयरमैन हमेशा नववर्ष के शुभ अवसर पर अपने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पत्र जारी करते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार है जब टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने साल के अंत में कर्मचारियों के नाम एक पत्र जारी किया है।

इसमें उन्होंने कहा है कि आमतौर पर नववर्ष के मौके पर मैं आपको अपनी योजनाओं और प्राथमिकताओं के साथ पत्र लिखता हूं। लेकिन इस साल मैं अपने सभी कर्मचारियों को धन्यवाद देने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं जिन्होंने कोविड 19 जैसे वैश्विक महामारी में भी हमारा बखूबी साथ निभाना। वर्ष 2020 साल हम सभी के लिए काफी कठिन रहा और हम बाकी बचे दिनों को भी बिना किसी कठिनाई के साथ खत्म करने की उम्मीद करते हैं। 

बकौल चंद्रशेखरन, कोविड 19 के कारण पूरा साथ उथल-पुथल और मनोवैज्ञानिक दबाव के साथ बीता। लेकिन हमें इसे बड़े ही व्यावसायिकता के साथ उठाना चाहिए। उन्होंने अपने पत्र में मशहूर फुटबॉल कोच पॉल बेयर ब्रांयट के शब्दों को दोहराया। जिन्होंने कहा था कि जीतने के लिए इच्छाशक्ति जरूरी नहीं बल्कि हमेशा जीतने के लिए इच्छाशक्ति के साथ तैयार रहना ज्यादा महत्वपूर्ण है।

कोरोना से आए जीवन में कई तरह के बदलाव

चंद्रशेखरन का कहना है कि कोविड 19 महामारी ने पूरी दुनिया को बुरी तरह से प्रभावित किया। इसने हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव लाए। महामारी के कारण कई परिवारों को दर्द और नुकसान की अलग-अलग कहानियां है। ऐसे परिवारों के साथ मेरी गहरी सहानुभूति है। टाटा समूह ने अपने कर्मचारियों के सहयोग से प्रवासी मजदूरों तक अपनी पहुंच बनाई। उन तक भोजन और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं। कोविड मरीजों के इलाज के लिए हमने अस्पताल और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं। यह सब हमारे कर्मठ कर्मचारियों के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता। 

 हुए कई सकारात्‍मक बदलाव

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इसके कारण काफी सकारात्मक बदलाव हुए। महामारी से चिकित्सा, शहरी नियोजन, वास्तुकला और अनगिनत क्षेत्र में प्रगति के नए रास्ते खोले। हमें अपने वरीय टीम नेतृत्व के साथ इस चुनौती को तार्किक पूर्ण तरीके से सामना किया। हमने कई छोटे-बड़े बदलाव को प्रायोगिक तौर पर शुरू किया और उसमें सफल भी हुए। वन टाटा प्रोजेक्ट के तहत हम कोविड जांच का परीक्षण विकसित करने के लिए पथ प्रदर्शक के रूप में सामने आए। इस साल हमारे सभी कर्मचारियों के काम और सर्मपण ने हमें पहले से अधिक मजबूत बना दिया है। नए युग की इस दहलीज में हमें व्यक्ति, व्यवसाय और राष्ट्र हित में हम अधिक तत्परता से काम किया है। हमें इसकी ही आवश्यकता है।

चुनौतियों से काफी सीखने को मिला

हालांकि, चुनौतियों से काफी सीखने को मिला। दुनिया का हर देश अभी टीका विकसित करने की कोशिश में है। फिर भी कोविड 19 के कारण आई चुनौतियों और बदलाव से हमें काफी कुछ सीखने को मिला। प्रौद्योगिकी कितना जरूरी है, यह हम सभी को ज्ञात हुआ। फिर चाहे व्यक्तिगत रूप में हो या निजी या फिर सार्वजनिक क्षेत्र में। हम चाहे जिस युग में प्रवेश करें प्रौद्योगिकी आज की जरूरत है। एक कंपनी के रूप में हम समुदाय के और समीप आए हैं।

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