टाटा पावर इस स्टार्टअप कंपनी में करेगी 20 करोड़ रुपए निवेश, ये रही पूरी जानकारी
Tata Power टाटा पावर और सोशल अल्फा ने इंडस्ट्रीयल आइओटी स्टार्टअप ऊर्जा में निवेश करने की घोषणा की है। सौरभ झाबर और अनंत झावर ने वर्ष 2017 में इसे शुरू किया था। ऊर्जा बिजली के क्षेत्र में एक नया समाधान है।
जमशेदपुर, जासं। टाटा पावर और सोशल अल्फा ने इंडस्ट्रीयल आइओटी स्टार्टअप, ऊर्जा में निवेश करने की घोषणा की है। सौरभ झाबर और अनंत झावर ने वर्ष 2017 में इसे शुरू किया था। ऊर्जा बिजली के क्षेत्र में एक नया समाधान है जिसमें स्मार्ट सेंसर और एनालिटिक्स प्लेटफार्म शामिल है।
नए निवेश के साथ अपनी रणनीति को बढ़ाने, बिजनेस का विस्तार करने और आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग क्षमताओं का उपयोग करते हुए प्रौद्योगिकी को मजबूत करने की कंपनी की योजना है। इसके साथ ही ऊर्जा फैक्ट्री फ्लोर मॉनिटरिंग और ऑटोमेशन के लिए रियल टाइम एक्शनेबल इनसाइट्स निर्माण करने वाले सेंसर प्रौद्योगिकी और एनालिटिक्स प्लेटफार्म पर ऊर्जा को पेटेंट दिया गया है। ऊर्जा सेंसर्स का विनिर्माण इन हाउस किया जाता है। इनसे लघु व मध्यम व्यवसायों को बिजली का डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कहां हो रहा है, इसकी खोज करके, प्रोडक्शन मशीनरी के रख-रखाव और संसाधनों का पहले ही आकलन करते हुए बिजली की खपत को कम करने का काम करता है। स्मार्ट एनर्जी मैनेजमेंट सुविधाओं के साथ संपूर्ण एकीकृत सेवा के रूप में ऊर्जा समाधान प्रदाता बनाना टाटा पावर का लक्ष्य है। टाटा पावर इनोवेशन प्रौद्योगिकी पर विश्वास करती है जो व्यापारिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को अपनी बिजली की खपत को कम करने में मदद करती है।
उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देना हमारा लक्ष्य : एमडी
टाटा पावर के सीईओ सह एमडी प्रवीर सिन्हा का कहना है कि ऊर्जा जैसी प्रौद्योगिकी में गहन ज्ञान और काम कर रही कंपनी के साथ साझेदारी को मजबूत करने में हमें बेहद खुशी हो रही है। हमारा उद्देश्य अपने उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देना है। एमडी का कहना है कि हम ऐसे प्रभावशाली समाधान का निर्माण करना चाहते हैं जिससे बिजली की खपत कम हो और ग्राहकों को नवीनतम सेवाएं भी दी जा सके। हमें अनुमान है कि पेटेंटेड सेंसर्स और एनालिटिक्स प्लेटफार्म के जरिए ऊर्जा दो बिलियन यूएस डॉलर की बचत करेगा।
2030 तक रोकेंगे 13 मैट्रिक टन कार्बन डाइ ऑक्साइड
ऊर्जा के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सौरभ झाबर ने दावा किया है कि ऊर्जा जैसे डिवाइस लेवल इनोवेशन से हम वर्ष 2030 तक 13 मैट्रिक टन कार्बन डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने में सफल होंगे। झांब का कहना है कि विनिर्माण और बिजली इकोसिस्टम को बड़े पैमाने पर डिवाइस स्तर के इनसाइट्स दिए जाने पर वे कितने प्रभावशाली हो सकते हैं, इस पर हम गहन रूप से काम कर रहे हैं।