Tata Motors की बंदी का असर, स्टील स्ट्रिप्स कंपनी का उत्पादन घटा, सड़क पर आए ठेका मजदूर

लॉकडाउन की वजह से स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी का उत्पादन कम हो गया है। एक माह में 25 हजार से ज्यादा व्हील्स बनाने वाली कंपनी का उत्पादन घटकर पांच हजार तक पहुंच गया है। कंपनी में काम करने वाले ठेका मजदूरों का बैठा दिया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 10:50 AM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 10:50 AM (IST)
Tata Motors की बंदी का असर, स्टील स्ट्रिप्स कंपनी का उत्पादन घटा, सड़क पर आए ठेका मजदूर
करीब एक हजार ठेका मजदूर काम करते थे, जो घटकर सौ में पहुंच गए हैं।

जमशेदपुर, जासं। कोरोना वायरस से उत्पन्न असहज हालात को काबू में करने के लिए लॉकडाउन की वजह से झारखंड के जमशेदपुर के गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी का उत्पादन कम हो गया है। एक माह में 25 हजार से ज्यादा व्हील्स बनाने वाली कंपनी का उत्पादन घटकर पांच हजार तक पहुंच गइ है।

ऐसे में कंपनी में काम करने वाले ठेका मजदूरों का बैठा दिया गया है। अब वे सड़क पर आ गए हैं। कंपनी में करीब एक हजार ठेका मजदूर काम करते थे, जो घटकर सौ में पहुंच गए हैं। कोरोना को लेकर पहले से ही कंपनी का उत्पादन कम हो गया था। इसी बीच टाटा मोटर्स में लगातार छह दिन की बंदी की वजह से यहां भी उत्पादन कम हो गया है। टाटा मोटर्स में एक के बाद एक ब्लाॅक क्लोजर लिया जा रहा है। यह कंपनी भी लाॅकडाउन के कारण मांग घटने से उत्पादन रोकने पर मजबूर है। इसका असर टाटा मोटर्स की आदित्यपुर स्थित इंसीलरियों पर भी है। इसकी संख्या डेढ हजार से अधिक है। इन कंपनियों में काम करने वाले कामगार भी बेकार हो गए हैं।

जनरल शिफ्ट में ही हाे रहा काम

कंपनी के आवश्यक कार्यों को निपटाने के लिए कुछ गिने-चुने स्थायी कर्मियों को ही बुलाया जा रहा है, जो जनरल शिफ्ट में आकर काम करते हैं। टाटा मोटर्स इस कंपनी का प्रमुख ग्राहक है, जो पिछले छह दिन से बंद है। कंपनी का ऑडर नहीं रहने से मजदूरों को काम से बैठा दिया गया है। जो मजदूर आ रहे हैं उनसे स्क्रैप, बेल्डिंग आदि कार्यों में कराया जा रहा है। ऐसे भी कंपनी में हजारों की संख्या में व्हील्स बनाकर रखा गया है। कहीं से ऑर्डर आने के तुरंत बाद उसे वहां भेज दिया जाएगा। कंपनी की स्थिति सुधरने में भी अब समय लग सकता है। ऐसे में यहां के कार्यरत मजदूरों की स्थिति दयनीय हो गई है। कर्मचारियों के बारे में सोचने वाला भी कोई नहीं है।

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