टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट का उत्पादन घटा, बनेंगे 6000 वाहन

Tata Motors Jamshedpur plant टाटा मोटर्स के उत्पादन में कमी आई है। इस महीने लगभग छह हजार ही वाहन बनेंगे। दरअसल बरसात के मौसम में हर वर्ष वाहनों की मांग में कमी आती है। इसके साथ ही कल- पुर्जें की भी किल्लत हो रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:14 PM (IST)
टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट का उत्पादन घटा, बनेंगे 6000 वाहन
कंपनी के लगभग 42 सौ बाइसिक्स कर्मचारियों को इससे समस्या होती है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा मोटर्स के उत्पादन में कमी आई है। इस महीने लगभग छह हजार ही वाहन बनेंगे। दरअसल, बरसात के मौसम में हर वर्ष वाहनों की मांग में कमी आती है। इसके साथ ही कल- पुर्जें की भी किल्लत हो रही है। इन दो प्रमुख कारणों से कंपनी में उत्पादन कम हो रहा है।

सूत्रों की माने तो महीने के पहले पखवाड़े में उत्पादन तेज हो रहा है।  लेकिन मार्केटिंग टीम की स्क्रूटनी के आधार पर माह के अंत में वाहनों की मांग कम होने पर उत्पादन कम किया जाता है। वहीं दूसरी ओर हर वर्ष बारिश के तीन महीने वाहन की मांग देशव्यापी स्तर पर कम हो जाती है। इससे बाजार डाउन रहता है। सितंबर के दूसरे सप्ताह से मांग बढ़ने लगती है और उत्पादन फिर तेज होता है। अस्थायी कर्मचारियों पर असर उत्पादन कम होने से कंपनी अस्थायी कर्मचारियों को काम से बिठाती है। इसका सीधा असर वेतन पर पड़ता है। कंपनी के लगभग 42 सौ बाइसिक्स कर्मचारियों को इससे समस्या होती है।

टाटा मोटर्स कान्वाई चालकों का नहीं हो रहा वेज समझौता, बढ़ा असंतोष

टाटा मोटर्स के सूचीबद्ध कान्वाई चालकों का वेज रिवीजन एक अप्रैल-21 से लंबित है। चालकों का तीन साल पर समझौता होता आया है। एक अप्रैल 2018 से लेकर 31 मार्च 21 की समय-सीमा पूरी हो गई है। समय रहते समझौते करने को लेकर टीटीसीए प्रबंधन की ओर से आश्वासन मिला था। इसी बीच टीटीसीए के कार्यपालक अधिकारी ने अवकाश ग्रहण कर लिया है। नए की बहाली भी हो चुकी है। अब बहुत जल्द चालकों की मान्यता प्राप्त यूनियन टाटा मोटर्स व टीटीसीए प्रबंधन से मिलकर वेज समझौते को लेकर वार्ता शुरू कराएगी। कान्वाई चालकों को फिलहाल एक दिन का 310 रुपए मिलता है। पिछले समझौते में 60 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। ऑल इंडिया कान्वाई वर्कर्स यूनियन का कहना है कि एग्रीमेंट व्यवस्था पहले से ही चला आ रहा है जो न्यूनतम मजदूरी से बेहतर है। कुछ लोग न्यूनतम मजदूरी की मांग करते हैं, जो सही नहीं है। चालकों की मजदूरी  बढ़ाने का हो रहा प्रयास

कान्वाई चालकों में से ही कुछ लोग एग्रीमेंट व्यवस्था का विरोध करते हुए न्यूनतम मजदूरी की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्हें न्यूनतम मजदूरी की तर्ज पर वह दर भी मिल रही है। कान्वाई नेता ज्ञानसागर प्रसाद का कहना है कि सभी चालकों को सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी मिले इसके लिए प्रयास जारी है। इधर सरकार ने न्यूनतम मजदूरी का दर बढ़ाया भी है। ऐसे में वह लागू कराने के लिए डीएलसी से बातचीत की गई है।

96 चेसिसों की हुई बुकिंग

सोमवार को मात्र 96 चेसिसों की ही बुकिंग की गई। दो दिन लगातार कंपनी बंद रहने की वजह से यह संख्या कम हो गई है। यह संख्या दो सौ से ज्यादा रहती है, जो कंपनी बंदी की वजह से कम हुई है। शनिवार को ब्लॉक-क्लोजर था जबकि दूसरे दिन रविवार को लेकर साप्ताहिक अवकाश था। ऐसे में गाड़ियों कम बनी, जिससे कम बुकिंग हुई है।

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