Tata Motors के जमशेदपुर प्लांट में सितंबर माह में बनेंगे आठ हजार वाहन

टाटा मोटर्स में उत्पादन अब रफ्तार पकडने लगा है। कंपनी के लाइन-1 में बी शिफ्ट लाइन-2 में ए शिफ्ट जबकि लाइन-3 में एक शिफ्ट में काम हो रहा था। उम्मीद जताई जा रही है कि कर्मचारियों को अब दो से तीन शिफ्ट में ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 05:22 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 05:22 PM (IST)
Tata Motors के जमशेदपुर प्लांट में सितंबर माह में बनेंगे आठ हजार वाहन
टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में उत्पादन बढ़ा है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में सितंबर माह में 8000 भारी वाहन बनाने का लक्ष्य मिला है। अगस्त माह में टाटा मोटर्स में 6500 वाहन बने थे। ऐसे में पिछले माह की तुलना में सितंबर में 1500 वाहन अधिक बनेंगे। उत्पादन बढ़ने से आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित कंपनियों में भी रौनक लौटेगी। टाटा मोटर्स में लगभग 4200 बाइ-सिक्स कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि प्रोडक्शन बढ़ने से रोस्टर के आधार पर काम से बैठाए गए बाइ-सिक्स कर्मचारियों को फिर से ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है।

कोविड 19 के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई। इसके कारण ऑटो सेक्टर भी काफी प्रभावित हुई लेकिन संक्रमण का स्तर कम होने से स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। माइनिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी आने से वाणिज्यिक वाहनों की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। यहीं कारण है कि टाटा मोटर्स में उत्पादन बढ़ा है।

दो पाली में होगी ड्यूटी

टाटा मोटर्स के लाइन-1 में बी शिफ्ट, लाइन-2 में ए शिफ्ट जबकि लाइन-3 में एक शिफ्ट में काम हो रहा था। उत्पादन बढ़ने से उम्मीद जताई जा रही है कि कर्मचारियों को अब दो से तीन शिफ्ट में ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है।

आदित्यपुर की कंपनियों में भी हाेगी रौनक

आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की ज्यादातर कल-कारखाने मध्यम व भारी वाहन बनाने वाली अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स के पार्ट्स व राॅ-मेटैरियल बनाती है। यहां की कंपनियां पूर्णरूपेण टाटा मोटर्स पर निर्भर है। यूं कहा जाए कि टाटा मोटर्स से ही चलती है आदित्यपुर कंपनियों की धड़कन। टाटा मोटर्स का अगर धुंआ निकलना बंद हो जाए तो इन सभी कंपनियों में ताले लटक जाएंगे। कोरोना काल में जितने दिन टाटा मोटर्स बंद रही, उससे ज्यादा दिन यह कंपनियां बंद रही। ऐसे में टाटा मोटर्स में बोनस समझौते के बाद ही यहां कर्मचारियों को बोनस मिलता है। विश्वकर्मा पूजा के बाद ही इन कंपनियों में प्रबंधन-यूनियन के बीच बोनस वार्ता शुरू होती है तथा एक-दो वार्ता के बाद समझौता हो जाता है। इधर टाटा मोटर्स में यूनियन ने बोनस पत्र प्रबंधन को सौंप दिया है। अब बहुत जल्द यहां वार्ता शुरू होगी।

ये हैं आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियां

जेनिथ फोर्ज प्रा. लिमिटेड : आदित्यपुर क्षेत्र में स्थित यह कंपनी टाटा मोटर्स के लिए पार्ट्स बनाती है। यहां 50 स्थायी मजदूर व एक सौ से ज्यादा ठेका मजदूर है। लाॅकडाउन की वजह से कंपनी का उत्पादन बाधित था, पिछले तीन माह से यहां काम चल रहा है। यहां की मान्यता प्राप्त यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय हैं। पिछले साल ही में यहां इनकी यूनियन बनी है।

विजय इंडस्ट्रीज प्रा. लि.: यहां भी टाटा मोटर्स के लिए पार्ट्स बनाए जाते हैं। यहां विश्वकर्मा पूजा के बाद ही बोनस पर बातचीत शुरू होती है। यहां स्थायी व ठेका मजदूर को मिलाकर करीब 200 कर्मचारी कार्यरत है। जिन्हें बीते साल स्थायी कर्मियों को 11 व ठेका मजदूरों को 8.33 प्रतिशत बोनस मिला है।

सिंहभूम टेक्नो कॉस्ट प्रा. लि. कंपनी : यहां स्थायी कर्मचारियों की संख्या 50 व ठेका मजदूर करीब 150 होंगे। प्रबंधन-यूनियन आपस में बातचीत कर स्थायी कर्मियों को बोनस दिलाते है। बीते साल स्थायी कर्मियों को 11 फीसद तो ठेका मजदूर को 8.33 प्रतिशत बोनस मिला है। अगले सप्ताह यहां बोनस पर प्रबंधन-यूनियन की वार्ता शुरू होगी।

सोनी ऑटो एंड एलायज इंडस्ट्रीज लिमिटेड : इस कंपनी में स्थायी कर्मियों की संख्या 79 व ठेका मजदूरों की संख्या करीब 150 होगी। यहां बीते साल कर्मचारियों को 15 प्रतिशत बोनस मिलता था। यहां अगले सप्ताह प्रबंधन-यूनियन के बीच वार्ता शुरू होगी। यहां प्रत्येक साल विश्वकर्मा पूजा के बाद ही बोनस होता है।

वीणा मेटल प्रा. लि.: आदित्यपुर में अवस्थित इस कंपनी में स्थायी कर्मियों की संख्या 60 व ठेका मजदूर करीब एक सौ हैं। बीते साल 2019 में स्थायी कर्मियों को 15 प्रतिशत तो ठेका मजदूरों को 8.33 प्रतिशत बोनस मिला था। यहां भी यूनियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय हैं।

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