Air india के अधिग्रहण के लिए Tata Group ने लगाई सबसे ज्यादा बोली, साल के अंत तक हो सकता है सौदा

Tata group Acquisition of Air India टाटा समूह को हमेशा से विमानन उद्योग से लगाव रहा है। देश के पहले कॉमर्शियल पायलट भी जेआरडी टाटा ही थे जिनके प्रयास से ही देश में विमानन सेवा टाटा एयरलाइंस शुरू हुई थी जो बाद में एयर इंडिया बनी।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 02:00 PM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 05:09 PM (IST)
Air india के अधिग्रहण के लिए Tata Group ने लगाई सबसे ज्यादा बोली, साल के अंत तक हो सकता है सौदा
विमानन सेवा टाटा एयरलाइंस शुरू हुई थी जो बाद में एयर इंडिया बनी।

जमशेदपुर, जासं। टाटा समूह देश की सबसे महत्वपूर्ण उद्योग माने जाने वाली एक कंपनी का अधिग्रहण करने वाली है। इसके लिए पिछले दिनों हुई बिडिंग में टाटा समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाई है। ऐसा में माना जा रहा है कि सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद इस साल के अंत तक सौदे को मंजूरी मिल जाएगी।

आपको बता दें कि वह कोई उद्योग नहीं बल्कि भारतीय विमानन सेवा है। केंद्र सरकार ने अपने बजट में सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश करने की पहले ही घोषणा कर चुकी है जो निजीकरण के क्षेत्र में विमानन के रूप में सबसे बड़ा क्षेत्र है। भारत सरकार ने एयर इंडिया से इस विनिवेश को लक्षित किया क्योंकि अब सरकार को आवश्यक चीजों को संचालित करने के लिए धन की आवश्यकता है और केंद्र सरकार विनिवेश से प्राप्त पूंजी को दूसरे क्षेत्र में निवेश करेगी। साथ ही यह माना जा रहा है कि कोविड 19 जैसे वैश्विक महामारी के कारण भी विमान सेवा क्षेत्र में वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। केवल एयर इंडिया ही नहीं बल्कि सभी विमानन कंपनियों को घाटा उठाना पड़ रहा है। जिसका सीधा प्रभाव भारत की जीडीपी पर पड़ता है। कोविड महामारी में इस क्षेत्र को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोविड 19 के कारण उड़ानों पर प्रतिबंध लगने से यात्रियों की संख्या भी घटती जा रही है। ऐसे में एयर इंडिया के बढ़ते कर्ज को देखते हुए सरकार बाध्य होकर निजीकरण का फैसला ले रही है।

टाटा समूह को हमेशा से विमानन उद्योग से लगाव

लेकिन वैसे यह सर्वविदित है कि टाटा समूह को हमेशा से विमानन उद्योग से लगाव रहा है। देश के पहले कॉमर्शियल पायलट भी जेआरडी टाटा ही थे जिनके प्रयास से ही देश में विमानन सेवा टाटा एयरलाइंस शुरू हुई थी जो बाद में एयर इंडिया बनी। ऐसे में इस उद्योग को फिर से हासिल करने के लिए कंपनी ने बड़ी बोली लगाई है। हालांकि सौदा कितना में फाइनल हुआ, इसका खुलासा नहीं किया गया है लेकिन जानकारों की माने तो साल के अंत तक अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

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