Ram Mandir Ayodhya : अब राम मंदिर ट्रस्ट के खाता-बही संभालेगी रतन टाटा की यह कंपनी, खाते में 3000 करोड़ रुपए
Ram Mandir Trust विश्व की प्रतिष्ठित कंपनियों में शुमार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज अब अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट के बही-खाता की जिम्मा संभालेगी। खाते में लगभग 3000 करोड़ रुपए हैं। इसके लिए राम मंदिर के रामघाट में टीसीएस का कार्यालय होगा...
जमशेदपुर, जासं। अयोध्या में भगवान श्रीराम का सबसे विशाल व भव्य मंदिर बनाने की जिम्मेदारी उठा रही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को अब इस मंदिर का कोष संभालने की भी जिम्मेदारी मिल रही है। इस कोष में अब तक 3000 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। राम मंदिर का प्रबंध देख रही श्रीराम मंदिर न्यास को अब इस बात की चिंता सता रही थी कि इतने बड़े कोष को कौन देखेगा।
इसके साथ ही टीसीएस को इसकी जिम्मेदारी दे दी गई, तो अब टीसीएस इसके लिए डिजिटल एकाउंटिंग साफ्टवेयर विकसित कर रही है। यह इसलिए भी किया गया है, क्योंकि इससे पहले श्रीराम मंदिर न्यास पर जमीन के सौदे में गड़बड़ी का आरोप लग चुका है। राम मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने का है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस मुद्दे को हल करने के लिए करीब एक माह पहले तीन ट्रस्टी को सम्मन भेज चुकी है, जिसमें उनसे जमीन के सौदे से संबंधित विवाद को हल करने के लिए कहा गया है।
रामघाट में होगा टीसीएस का लेखा कार्यालय
राम मंदिर के करीब 3000 करोड़ रुपये वाले कोष को संभालने के लिए टीसीएस रामघाट में अपना लेखा कार्यालय स्थापित करने जा रही है, जो निर्माणाधीन राम मंदिर के पास ही है। यहीं से डिजिटल एकाउंटिंग साफ्टवेयर बनाने के बाद कोष का नियंत्रण किया जाएगा। बताया जाता है कि कार्यालय का कामकाज दिसंबर तक शुरू हो जाएगा। इस संबंध में टाटा समूह के आईटी विशेषज्ञ बहुत जल्द श्रीराम मंदिर न्यास के ट्रस्टियों के समक्ष एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देंगे, जिसमें अपने कामकाज को दर्शाया जाएगा। ये बातें मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र कह चुके हैं। वैसे मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने भी भरोसा दिलाया है कि टीसीएस की कार्यप्रणाली बेहतर है।
वेबसाइट हो चुका था हैक
जब राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद क्राउड-फंडिंग कर रही थी, उसी समय ट्रस्ट का वेबसाइट हैक कर लिया गया था। इसकी जगह एक नकली पोर्टल भी हैकरों ने बना लिया था, ताकि कोष में जमा हो रही राशि की ठगी की जा सके। ठगों ने ट्रस्ट के चेक का भी क्लोन बना लिया था। इसके माध्यम से भी ट्रस्ट की राशि हड़पने की योजना थी। मंदिर न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि टीसीएस के हाथ में लेखा-जोखा रहने से पूरा कोष पारदर्शी रहेगा।