Fight to corona Epidemic: Reliance, गूगल व अमेजन भी कोरोना महामारी की लड़ाई में Tata से पीछे छूटा, जानिए
रतन टाटा की स्वामित्व वाली टाटा समूह ने कोरोना की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रही है। टाटा समूह के अलावा मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस जिंदल स्टील सेल के अलावा बहुराष्ट्रीय कंपनी अमेजनलगूगल व माइक्रोसॉफ्ट भी सहयोग कर रही है। लेकिन इन सबमें टाटा समूह सबसे आगे है।
जमशेदपुर : वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हर कोई त्रस्त है। पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि देश की कॉरपोरेट कंपनियां महामारी से निबटने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। अमेजन व गूगल के साथ ही टाटा समूह व रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे बड़े औद्योगिक घरानों ने न सिर्फ कोविड अस्पतालों की स्थापना की है, बल्कि विदेशों से क्रायोजेनिक इंजन मंगाकर आक्सीजन की आपूर्ति भी कर रही । कॉरपोरेट कंपनियां उपकरणों के हवाई जहाज से लाने, मेडिकल ऑक्सीजन तैयार करना और अस्पतालों की स्थापना कर रही है, ताकि सार्वजनिक हेल्थ सिस्टम को मदद पहुंचाई जा सके।
आइए जानते हैं कौन-कौन कंपनियां कर रही मदद
टाटा ग्रुप - कोविड महामारी की लड़ाई में टाटा समूह अग्रिम मोर्चे पर खड़ी है। जब देश में आक्सीजन की किल्लत हुई तो टाटा समूह ने पहली बार 300 टन प्रतिदिन आक्सीजन की आपूर्ति करनी शुरू की। फिलहाल अभी एक हजार टन से अधिक आक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। इसके अलावा टाटा स्टील ने झारखंड को 5000 आक्सीजन सिलेंडर दे रही है। जमशेदपुर की बात करें तो टाटा मोटर्स, टाटा मेन हॉस्पीटल, टिनप्लेट हॉस्पीटलरि अलावा साकची में 300 बेड का अतिरिक्त कोविड वार्ड का निर्माण किया। टाटा समूह ने अपनी कंपनियों के माध्यम से कोविड रोगियों के लिए लगभग 5,000 बिस्तर उपलब्ध करवाए। इसके अलावा समूह ने 1,000 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात किया। टाटा स्टील जमशेदपुर के छह आक्सीजन प्लांट व ओडिशा के कलिंगनगर से पूरे देश में रोजाना हजारों टन आक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। टाटा समूह ने पहले ही केंद्र सरकार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में 2000 करोड़ की राशि सहायता की है। इसके अलावा हर दिन विदेशों के मेडिकल उपकरण मंगाकर पूरे देश के अस्पतालों में वितरित कर रही है।
रिलायंस इडस्ट्रीज - मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज मदद करने के मामले में दूसरे स्थान पर है। रिलायंस ने अपने तेल रिफाइनरीज से रोजाना 1000 टन से अधिक आक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। समूह ने जामनगर व मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की मुफ्त इलाज के लिए 1875 बिस्तर वाले अस्पताल भी तैयार करवाया।
गूगल- बहुराष्ट्रीय कंपनी गूगल ने भी भारत को मदद की है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने 1.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद की है।
अमेजन-अमेजन ने भी मदद को हाथ बढ़ाया। उसने एक हजार वेंटिलेटर दी है।
माइक्रोसॉफ्ट- माइक्रोसॉफ्ट के लिए भारत बड़ा बाजार है। दुनिया के टॉप टेन अरबपतियों में शुमार बिल गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट ने भारत को 1,000 वेंटिलेटर और 25,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिया है।
जिंदल स्टील-जिंदल स्टील भारत की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनियों में से एक हैं। जेएसडब्ल्यू ने कुछ इस्पात उत्पादों का विनिर्माण इसलिए बंद कर दिया, ताकि देश में आक्सीजन की आपूर्ति की जा सके।
विप्रो- कल्याणकारी कार्यों में आगे रहने वाले विप्रो के अजीम प्रेमजी ने पुणे में अपना आईटी संयत्र को 430 बेड वाले कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर दिया।
इंफोसिस - इंफोसिस ने बेंगलुरु में नारायण हेल्थ के सहयोग से 100 कमरे का कोविड अस्पताल स्थापित किया, जो गरीबों को मुफ्त देखभाल कर रहा है।