अंग्रेजी को कर दिया आसान, इस शिक्षिका को मिला राष्ट्रपति सम्मान

एक अच्छा शिक्षक वही है जो बच्चों के अंतर्मन को पढ़ ले। इस शिक्षिका ने यह किया। यह शिक्षिका हैं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित जयंती शेषाद्री।

By Edited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 01:27 PM (IST)
अंग्रेजी को कर दिया आसान, इस शिक्षिका को मिला राष्ट्रपति सम्मान
अंग्रेजी को कर दिया आसान, इस शिक्षिका को मिला राष्ट्रपति सम्मान

जमशेदपुर[वेंकटेश्वर राव]। छात्रों में अंग्रेजी विषय में रुचि घट रही थी। उनका मन इस विषय में नहीं लगता था और इससे बचने की प्रवृत्ति देखी जा रही थी। एक अच्छा शिक्षक वही है जो बच्चों के अंतर्मन को पढ़ ले। इन शिक्षिका ने यह किया। चिंतन-मनन के बाद कुछ ऐसा तरीका निकाला कि वही बच्चे अंग्रेजी विषय में न केवल रुचि लेने लगे बल्कि उनका प्रदर्शन काफी बेहतर हो गया। यह शिक्षिका हैं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित जयंती शेषाद्री।

जयंती जमशेदपुर के लोयोला स्कूल में अंग्रेजी शिक्षिका होने के साथ ही स्कूल की रजिस्ट्रार भी हैं। पिछले साल पाच सितंबर को उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के हाथों राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित देशभर से चुने गए 45 शिक्षकों में एक। उन्हें यह सम्मान अंग्रेजी विषय में किए गए उनकेअनूठे प्रयोग और उस प्रयोग को सफलतापूर्वक अमल में लाने के लिए मिला।

अंग्रेजी विषय को खेल व संगीत से जोड़ा

जयंती शेषाद्री ने अंग्रेजी विषय को संगीत और खेल से जोड़ते हुए इस कदर रुचिकर बनाया कि सीनियर क्लास केबच्चों में अंग्रेजी विषय में उल्लेखनीय सुधार होने लगा। वे उत्साहित होकर इंग्लिश पढ़ने लगे। जयंती शेषाद्री अब छात्रों के बीच न सिर्फ लोकप्रिय हैं, बल्कि अन्य शिक्षकों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं।

'द चाइनीज स्टैच्यू' पर प्रोजेक्ट से किया कमाल

दरअसल कक्षा 12वीं में इंग्लिश विषय में एक चैप्टर है 'द चाइनीज स्टैच्यू'। यह चैप्टर बच्चों को काफी बो¨रग लगता था। वे इसे पढ़ना ही नहीं चाहते थे। जयंती ने बच्चों को सरल तरीके से इसे समझाने के लिए चार गु्रप बनाए। चारों गु्रप को अलग-अलग प्रोजेक्ट चैप्टर की थीम पर बनाने को कहा गया। संगीत व खेल के माध्यम से इसे प्रदर्शित करने को कहा गया। प्रोजेक्ट अमल में आते ही बच्चों में पढ़ने की रुचि पैदा हो गई। इसी तरह उन्होंने बच्चों को काफी सरल तरीके से पढ़ाने की विधि विकसित की।

कभी ट्यूशन नहीं पढ़ाया

राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित जयंती शेषाद्री ने कभी किसी छात्र को ट्यूशन नहीं पढ़ाया। वे आज भी ट्यूशन नहीं पढ़ाती हैं।

निभाया सामाजिक दायित्व

जयंती शेषाद्री ने एक शिक्षिका होने का क‌र्त्तव्य तो पूरा किया ही, देश के जागरूक नागरिक का फर्ज अदा करते हुए सामाजिक उत्तरदायित्व भी निभाया। उन्होंने जमशेदपुर इंग्लिश लिटरेचर एसोसिएशन का गठन किया। वे स्कूल के पॉस्को क्लब की चेयरमेन, प्रेस क्लब की मॉडरेटर भी हैं। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में छुट्टियों के दिन बच्चों को अपने खर्चे पर इंग्लिश पढ़ाने जाती हैं और उन्हें पढ़ने की सरल विधि बताती हैं।

आभूषण व कपड़े से अच्छा है शिक्षा पर खर्च करें

राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार प्राप्त लोयोला की शिक्षिका जयंती शेषाद्री ने अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि सोना-चांदी और कपड़े पर राशि खर्च करने के बजाय शिक्षा में इसका उपयोग करें। इसके लिए बचत भी करें। शिक्षा जीवन की वह पूंजी है, जो दूसरों के लिए काम आती है। शिक्षा से ही एक नए समाज और सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण हो सकता है।

संक्षिप्त परिचय

नाम : जयंती शेषाद्री

प्रारंभिक शिक्षा (10वीं) : लिटिल फ्लॅावर स्कूल टेल्को

12वीं : राजेंद्र विद्यालय साकची

ग्रेजुएशन : मद्रास यूनिवर्सिटी

पीजी : आंध्र यूनिवर्सिटी

बिहार स्पंज आयरन कंपनी में योगदान : 1988

1998 तक एचआर में काम किया

केरला समाजम मॉडल स्कूल में योगदान : 1998 में, यहां 2009 तक रजिस्ट्रार और इंग्लिश शिक्षिका के रूप में कार्य किया।

लोयोला स्कूल में योगदान : 2009 से अब तक, रजिस्ट्रार व इंग्लिश शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही हैं।

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