Swami Vivekanand Jayanti : दुनिया को असली भारत की पहचान करानेवाले स्वामी विवेकानंद को किया नमन, युवा हुए पुरस्कृत
शैक्षणिक संस्थानों में स्वामी विवेकानंद की जयंती युवा दिवस के रूप में शैक्षणिक संस्थानों में मनाई गई। विभिन्न संस्थानों में आयोजित कार्यक्रम में दुनिया को असली भारत की पहचान कराने वाले स्वामी विवेकानंद को छात्रों व शिक्षकों ने जहां नमन किया।
जमशेदपुर, जासं। शहर के शैक्षणिक संस्थानों में स्वामी विवेकानंद की जयंती युवा दिवस के रूप में शैक्षणिक संस्थानों में मनाई गई। विभिन्न संस्थानों में आयोजित कार्यक्रम में दुनिया को असली भारत की पहचान कराने वाले स्वामी विवेकानंद को छात्रों व शिक्षकों ने जहां नमन किया, वहीं विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया।
जेकेएस डिग्री कालेज मानगो में राष्ट्रीय सेवा तत्वाधान में प्राचार्य डा. एपी सिंह एवं कार्यक्रम पदाधिकारी प्रोफेसर जी रमा के नेतृत्व में युवा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय के सिचव डा. राजीव कुमार ने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शों तथा आधुनिक भारत के प्रति उनके दृष्टिकोण से परिचित कराते हुए सभी को विवेकानंद के आदर्शा को अपनाने की अपील की। इस अवसर पर एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता नेहा परवीन, रोजी परवीन, हर्ष कुमार, सुमैला फिरदौस, तस्नीमा गुफराना को पुरस्कृत किया गया।
विवेकानंद के कारण कई सदियों तक अक्षुण्ण रहेगा आध्यात्म : डा. मुदिता
गोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई । इस मौके पर प्राचार्य डा. मुदिता चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया भर में अध्यात्म का ऐसा परचम लहराया जो अगले कई सदियों तक अक्षुण्ण रहेगा। वहीं टाकू सचिव डा. राजेंद्र भारती ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक युवा साधु बनकर दुनिया को असली भारत की पहचान कराया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन करते हुए एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डा आर के चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामीजी के दर्शन की आज भी उतनी ही प्रासंगिकता है, जितनी विगत बीसवीं सदी में रही थी। साथ हीं उन्होंने यह भी कहा कि महज 39 साल का जीवन जीने वाले स्वामी विवेकानंद की जयंती को देश में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर प्रोफेसर रामप्रवेश प्रसाद, प्रो डी द्विवेदी, डॉक्टर जेपी नारायण के अलावे काफी संख्या में छात्र व एनएसएस के स्वयंसेवक उपस्थित थे।