Swachh survekshan 2021 : बेकार चायपत्ती से बन रही खाद,जमशेदपुर के जुगसलाई को नंबर वन बनाने की राह होगी आसान

जुगसलाई नगर परिषद् द्वारा चाय पत्ती स्टॉल से निकलने वाले चाय पत्ती अपशिष्ट से खाद बनाया जा रहा है। स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी कहती हैं कि लोगों को समझाया जा रहा है कि ज्यादातर कचरा असल में कचरा नहीं होता है अगर उसे वापस उपयोग किया जाए।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 11:10 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:10 AM (IST)
Swachh survekshan 2021 : बेकार चायपत्ती से बन रही खाद,जमशेदपुर के जुगसलाई को नंबर वन बनाने की राह होगी आसान
जुगसलाई में चाय पत्ती से खाद बनाने वाली महिला समिति की सदस्य।

जमशेदपुर, जासं।  स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए जुगसलाई नगर परिषद ने कचरा निस्तारण पर पूरा जोर लगा दिया है। कचरा के दोबारा उपयोग के  जुगसलाई नगर परिषद की ओर से कई उदाहरण पेश किए गए हैं।

परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जगदीश प्रसाद यादव कहते हैं कि इस काम में स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी को महारत हासिल है। कचरा निस्तारण के लिए अब तक कई प्रयोग पर्व त्यौहारों में किए गए हैं, जिसका आम जनता पर अच्छा प्रभाव पड़ा है। यही कारण है कि अब लोग कचरा को रोड, नाला आदि में डालने से परहेज कर कूडादान में ही कचरा डाल रहे हैं। यादव कहते हैं कि अभी बहुत कुछ करना है, लोगों को जागरुक करने के लिए। जुगसलाई नगर परिषद की स्वच्छा विशेषज्ञ सोनी कुमार एक बार फिर जुगसलाई को कचरा मुक्त कराने की मुहिम में अपनी टीम के साथ जुट गयी हैं। 

15 दुकानों से 30 किलो वेस्ट चायपत्ती हो रही जमा 

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में जुगसलाई को एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में नंबर वन लाने की दिशा में कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। स्वच्छता विशेषज्ञ सोनी कुमारी कहती हैं कि लोगों को समझाया जा रहा है कि ज्यादातर कचरा असल में कचरा नहीं होता है, अगर उसे वापस उपयोग किया जाए। हर चीज आसानी से मिलने की वजह से हम उपयोग होने वाली चीजों को भी बेकार समझ कर उसे कचरे में डाल देते हैं। वह लोगों को समझाती हैं कि कोई भी चीज कचरे में डालने से पहले एक बार जरूर सोच ले कि उसका कोई और उपयोग हो सकता है या नहीं। 

चायपत्ती वेस्‍ट से बन रहा खाद

 जुगसलाई नगर परिषद् द्वारा चाय पत्ती स्टॉल से निकलने वाले चाय पत्ती अपशिष्ट से खाद बनाया जा रहा है। सोनी कहती हैं कि पहले सभी चाय  दुकानदारों का सर्वे करके एक लिस्ट बनाया गया। फिर सभी दुकानदारों को एक संग्रहण पात्र दिया गया, जिसमें चायपत्ती जमा करते हैं। लोगों को जागरूकता के लिए चायपत्ती से खाद बनाए जाने की बात को भी स्टिकर के तौर पर दुकान पर लगाया गया। आज 15 दुकानदार प्रतिदिन 30 किलो बेकार चायपत्ती दे रहे हैं, जिसका महिला समिति द्वारा खाद तैयार किया जा रहा है।

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