दुनिया भर से सस्ती भारत की स्टील, कीमतों में बढ़ोतरी का असर घरेलू मांग पर नहीं : टाटा स्टील सीईओ

टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि निर्माण वाहन उपभोक्ता सामान आदि जैसे क्षेत्रों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले इस्पात की बढ़ती कीमतों से घरेलू बाजार में मांग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 07:44 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 07:44 PM (IST)
दुनिया भर से सस्ती भारत की स्टील, कीमतों में बढ़ोतरी का असर घरेलू मांग पर नहीं : टाटा स्टील सीईओ
दुनिया भर से सस्ती भारत की स्टील, कीमतों में बढ़ोतरी का असर घरेलू मांग पर नहीं : टाटा स्टील सीईओ

जमशेदपुर : टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि निर्माण, वाहन, उपभोक्ता सामान आदि जैसे क्षेत्रों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले इस्पात की बढ़ती कीमतों से घरेलू बाजार में मांग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में स्टील की मौजूदा कीमतें कुछ महीने पहले की दरों की तुलना में अधिक हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दरों की तुलना में यह कम है। उन्होंने कहा, हां, कीमतें पहले की तुलना में अधिक हैं लेकिन दुनिया में किसी भी देश से भारत में स्टील की कीमतें कम हैं। मुझे नहीं लगता कि इससे मांग प्रभावित होनी चाहिए।

अमेरिका व यूरोप में महंगा है स्टील की कीमतें

नरेंद्रन ने कहा, अगर कोई अमेरिका में हॉट-रोल्ड कॉइल की कीमतों पर नजर डालें तो यह 1,500 अमरीकी डालर प्रति टन है, यूरोप में यह 1,000 यूरो प्रति टन के करीब है। इसलिए, मुझे लगता है कि भारत में स्टील उपयोगकर्ताओं के पास दुनिया में सबसे अच्छी उपलब्ध कीमतें हैं।

एचआरसी की कीमत 4000 रु. बढ़कर 67000 रु. प्रति टन हो गई

ऐसे में स्टील संबंधी उत्पाद के निर्यात का यह सही अवसर है, क्योंकि भारत में कीमतें उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी होने का मौका देती हैं। भारत में स्टील की कीमत अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है। मई 2021 में, स्टील निर्माताओं ने हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) की कीमतें 4,000 रुपये बढ़ाकर 67,000 रुपये प्रति टन और कोल्ड रोल्ड कॉइल (सीआरसी) की कीमतें 4,500 रुपये बढ़ाकर 80,000 रुपये प्रति टन कर दी। एचआरसी व सीआरसी फ्लैट स्टील होता है, जो ऑटो, उपकरण और निर्माण के क्षेत्र मे उपयोग होता है। हालांकि स्टील की कीमतों में वृद्धि से वाहनों, उपभोक्ता वस्तुओं और निर्माण लागत की कीमतों पर असर पड़ना तय है क्योंकि स्टील इन क्षेत्रों के लिए कच्चा माल है।

लौह अयस्क की कीमत भी 700 से बढ़कर 7650 हुआ

इस बीच, पिछले हफ्ते बुधवार को देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनिक एनएमडीसी ने भी एकमुश्त लौह अयस्क की कीमत 700 रुपये बढ़ाकर 7,650 रुपये प्रति टन और जुर्माना 1,500 रुपये बढ़ाकर 6,560 रुपये प्रति टन कर दिया। लौह अयस्क एक प्रमुख कच्चा माल है जिसका उपयोग इस्पात बनाने में किया जाता है। इसकी कीमतों में किसी भी बदलाव का सीधा असर स्टील की कीमतों पर पड़ता है।

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