Jharkhand Medical College Admission : सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में नामांकन मामले में झारखंड सरकार से मांगी प्रगति रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों के बारे में झारखंड सरकार से प्रगति रिपोर्ट की मांग की है। राज्‍य में कई ऐसे युवा हैं जिन्होंने नेशनल एलिजिबिलटी कम इंटरेस्ट टेस्ट (नीट) की परीक्षा में 600 अंक लाए। इसके बावजूद उनका किसी कॉलेज में नामांकन नहीं हो पा रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 12:05 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 09:04 PM (IST)
Jharkhand Medical College Admission : सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में नामांकन मामले में झारखंड सरकार से मांगी प्रगति रिपोर्ट
हजारीबाग, पलामू और दुमका मेडिकल कॉलेज में नामांकन नहीं हो रहा है।

जमशेदपुर, जासं।  झारखंड में कई ऐसे युवा हैं जिन्होंने नेशनल एलिजिबिलटी कम इंटरेस्ट टेस्ट (नीट) की परीक्षा में 600 अंक लाए। इसके बावजूद उनका किसी कॉलेज में नामांकन नहीं हो पा रहा है। निजी कॉलेजों की फीस ज्यादा होने के कारण मध्यम वर्ग के अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला नहीं करा पा रहे हैं।

बच्चों के अभिभावकों ने कई बार स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन भी सौंपा  लेकिन बात नहीं बनी। बच्चों का एक वर्ष बर्बाद न हो जाए इसके लिए कई अभिभावकों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बीते दिनों इस पर सुप्रीम कोर्ट में एम नागेश्वर राव की तीन सदस्यीय खंडपीठ में सुनवाई हुई। इसमें खंडपीठ में झारखंड सरकार से एक सप्ताह में पूरे मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। वहीं, अभिभावकों के अनुसार नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी, पूर्व में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया-एमसीआई) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।

चार फरवरी को होगी अगली सुनवाई

अभिभावकों के अनुसार पूर्व में एमसीआई की टीम हजारीबाग, पलामू और दुमका की तीन मेडिकल कॉलेज का फरवरी 2020 में दौरा किया था। लेकिन काउंसिल के सदस्यों ने झारखंड सरकार को नोटिस जारी कर इंफ्रास्ट्रक्चर की खामियों के लिए नोटिस जारी नहीं किया। सीधे नीट परीक्षा के रिजल्ट घोषित होने से एक दिन पहले नोटिस जारी कर तीनों कॉलेजों की मान्यता पर सावलिया निशान खड़ा कर दिया। वहीं, झारखंड में भी चुनाव, नई सरकार के गठन के बाद कोविड 19 का प्रकोप से तीनों कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का मामला फाइलों में ही थम गया। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में झारखंड सरकार से तीनों मेडिकल कॉलेज पर प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई चार फरवरी को होगी। 

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