Startup India : रेशम कारोबार में रेशामंडी करेगा 30 मिलियन डॉलर का निवेश, झारखंड में भी बी2बी स्टार्टअप

Startup India देश में रेशम का कारोबार तेजी से बढ़ कर रहा है। नई स्टार्टअप कंपनी रेशामंडी इसी को ध्यान में रखते हुए 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने जा रही है। रेशामंडी उत्पाद स्थल से लेकर फैशन उद्योग तक डिजिटल इकोसिस्टम मुहैया करा रही है....

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:15 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:15 AM (IST)
Startup India : रेशम कारोबार में रेशामंडी करेगा 30 मिलियन डॉलर का निवेश, झारखंड में भी बी2बी स्टार्टअप
Startup India : रेशम कारोबार में रेशामंडी करेगा 30 मिलियन डॉलर का निवेश

जमशेदपुर, जासं। भारत में रेशम के कारोबार में तेजी से उभर रहा स्टार्टअप रेशामंडी 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश करने जा रहा है। यह भारत का पहला रेशम तकनीक स्टार्टअप है, जिसने वैश्विक स्तर पर फैलाव के लिए सीरीज फंडिंग की घोषणा की है। इस दौर में इक्विटी और कुछ ऋण का मिश्रण है। इक्विटी फंडिंग में नौ यूनिकॉर्न, वेंचर कैटलिस्‍ट, नेक्सस से संदीप सिंघल, इंडियामार्ट के संस्थापक बृजेश अग्रवाल और ओमनिवोर जैसे नए निवेशक शामिल हैं, जो रेशामंडी की शुरुआत से लगे हैं। 

रेशामंडी का 30 गुणा बढ़ा कारोबार

मई 2020 में स्थापित रेशामंडी खेत से लेकर फैशन तक एक फुल-स्टैक डिजिटल इकोसिस्‍टम प्रदान करती है। कंपनी की स्थापना निफ्ट के स्वर्ण पदक विजेता मयंक तिवारी, पूर्व सिस्को सिस्टम्स टेक्नोलॉजिस्ट और उद्यमी सौरभ अग्रवाल और आईआईटी दिल्ली के सीरियल टेक्नोलॉजी उद्यमी उत्कर्ष अपूर्व ने की थी। रेशामंडी भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे बी2बी स्टार्टअप है, जिसने शुरुआती साल में ही 30 गुना कारोबार बढ़ा लिया।

रेशामंडी ने अपने संचालन के पहले 15 महीनों में, किसानों, एसएमई निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं में फैले 35,000 से अधिक छोटे व्यवसायों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में शामिल किया है, जिन्‍होंने 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के बाजार को प्रभावित किया है। इसकी प्रक्रियाओं ने लघु व्यवसाय आय को 35 से 55 प्रतिशत तक बढ़ाने और स्वदेशी कच्चे रेशम के उपयोग को बढ़ाने में मदद की है।

रेशम से जुड़े सभी भागीदार को होगा फायदा

रेशामंडी के सीईओ मयंक तिवारी ने कहा कि इस फंडिंग से उन सभी को फायदा होगा, जो रेशम के कारोबार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। कंपनी का प्रयास आत्मनिर्भर भारत या एक आत्मनिर्भर राष्ट्र की ओर बढ रहा है। रेशामंडी संबंधों पर बनी है और हम क्रिएशन और अन्य के साथ नई साझेदारी से हम उत्साहित हैं।

वित्त पोषण का यह दौर हमें नए क्षेत्रों में विस्तार करने और हमारे अनुसंधान एवं विकास कार्य को संचालित करने की अनुमति देगा, जबकि आगे के हितधारकों को हमारे नवाचारों और दक्षताओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। व्यक्तिगत तौर पर मैं अपने प्रत्येक ग्राहक, आपूर्तिकर्ताओं, निवेशकों और निश्चित रूप से लगातार बढ़ती रेशामंडी की टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं।

रेशामंडी के सह-संस्थापक और सीबीओ उत्कर्ष अपूर्व ने कहा कि इस दौर के कुछ ही समय बाद, भारत के टियर-टू शहरों में साड़ियों और अन्य फैशन वियर की एक पूरी नई रेंज उपलब्ध होगी। हमारी आपूर्ति श्रृंखला यह सुनिश्चित करती है कि रेशम सस्ती हो और देशभर में मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए उपलब्ध हो। इससे टियर-टू के लोगों के रेशमी परिधानों की खरीदारी का तरीका बदल जाएगा।

झारखंड में भी होगा कारोबार

रेशामंडी भारत के सभी प्रमुख रेशम उत्पादक राज्यों में अपने कृषि व्यवसाय का विस्तार करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही बनारस, सलेम, कांचीपुरम, महेश्वर और धर्मावरम जैसे बुनाई समूहों में एक लीडर के रूप में खुद को स्थापित कर रही है। कंपनी का लक्ष्य अगले तीन से छह महीनों में आगरा, कोटा, गोरखपुर, धनबाद, रांची, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, राजकोट, वडोदरा, सूरत, पुणे, नागपुर, सतारा, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, मदुरै, कोयंबतूर, कोच्चि और कन्नूर में खुदरा व्‍यापार में अपने पैर जमाने का है।

रेशामंडी के मुख्य तकनीकी अधिकारी सौरभ अग्रवाल ने कहा कि तकनीक हमारे लिए मुख्य आधार बना है। इस दौर के साथ हम वित्तीय समाधानों के साथ योगदानकर्ताओं को सक्षम कर सकते हैं, जो वैज्ञानिक सलाह और सुधारों के माध्यम से उनके उत्पादन को बढ़ावा देंगे, एक सुलभ बाजार तक पहुंचा देंगे। उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को बनाने की क्षमता प्रदान करेंगे और अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए प्लेटफार्म तैयार करेंगे, जिसकी भारतीय रेशम लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहा है।

बुनकरों से खरीदार तक बढ़ेगी समृद्धि

क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स के पार्टनर टायलर डे कहते हैं कि हम रेशामंडी के लिए इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व करने के कारण से खुश हैं। भारत दुनिया के 30 प्रतिशत रेशम का उत्पादन करता है और अभी भी मांग को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है। रेशामंडी जैसी कंपनियां पूरी रेशम आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक कुशलता से चला सकती हैं। अंततः इससे किसानों और बुनकरों से लेकर कपड़ा निर्माताओं और खरीदारों तक पूरे इकोसिस्‍टम को इसका लाभ हो सकता है।

पारदर्शी और सस्ता होगा रेशम का बाजार

रेशामंडी की स्वामित्व वाली एआई और आईओटी तकनीक रेशम उद्योग को कारगर बनाने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम करते हुए भारत में महीन कपड़े के मुद्दों का पारदर्शी और सस्ता समाधान ला रही है। रेशामंडी एप जो विशेष रूप से किसानों की उत्पादकता के लिए बनाया गया है, उसका उपयोग करेगी।

रेशामंडी पूंजी के इस नए दौर के साथ इस आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की इच्छा रखती है। अंततः एक जीरो-वेस्‍ट सर्कुलर अर्थव्यवस्था का निर्माण करती है, जिसका रेशम आपूर्ति श्रृंखला के सभी हितधारकों के ऊपर सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभाव पडेगा।

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